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आपराजिता, मधुकामिनी, और पारिजात — ये तीनों दिव्य और पवित्र पुष्प हैं

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आपराजिता, मधुकामिनी, और पारिजात — ये तीनों दिव्य और पवित्र पुष्प हैं

जिनका प्रयोग पूजा, तांत्रिक साधना, और ग्रह शांति के उपायों में विशेष महत्व रखता है।

आइए देखते हैं इन तीनों पुष्पों से किस-किस ग्रह की रेमेडीज़ (Remedies) की जा सकती हैं:

अपराजिता एक बेल वाला पौधा है जिसे 'तितली मटर' या 'क्लिटोरिया टर्नेटिया' भी कहा जाता है. यह अपने नीले या बैंगनी रंग के फूलों के लिए जाना जाता है, और इसे सजावट के लिए भी लगाया जाता है. अपराजिता को कुछ लोग 'धन बेल' या 'शंकु पुष्पी' भी कहते हैं.

 

अपराजिता (Aparajita)

• रंग: सामान्यतः नीला या सफेद
• गुण: यह पुष्प रक्षा, विजय और नकारात्मक ऊर्जा नाशक माना जाता है।
• संबंधित ग्रह: केतु और शनि
• उपयोग:
• केतु की शांति और रहस्यमय डर को दूर करने के लिए इसका उपयोग तांत्रिक साधना में होता है।
• शनि की दुष्ट दृष्टि से बचाव के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
• नीली अपराजिता से तांत्रिक रक्षा यंत्र भी बनाए जाते हैं।

घर में सकारात्मक ऊर्जा

आपके घर में मधुकामिनी के पौधे की मौजूदगी आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का नियमित प्रवाह सुनिश्चित करती है और नकारात्मकता को दूर करती है। साथ ही, यह आपको विवाहित जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है और आपको वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।

तनाव कम करता है मधुकामिनी के पौधे

आपके वैवाहिक जीवन में मिठास बढ़ती है और आप अपने ससुराल वालों के साथ अपने रिश्तों में सुधार देखते हैं. यह पौधा तनाव को कम करने में भी कारगर है.

 

मधुकामिनी (Madhukamini / Kamini)
• रंग: सफेद
• गुण: यह पुष्प शांति, स्नेह, प्रेम और मानसिक शुद्धता प्रदान करता है।
• संबंधित ग्रह: चंद्र और शुक्र
• उपयोग:
• चंद्र दोषों (मानसिक तनाव, नींद की कमी) को शांत करने के लिए प्रयोग।
• शुक्र की कृपा पाने हेतु — विवाह, दाम्पत्य सुख, प्रेम में मधुरता हेतु उपयोगी।
• इसे रात्रिकालीन पुष्प भी कहा जाता है, इसलिए मन और भावनाओं को शांत करने के लिए श्रेष्ठ है।

⸻देवाधिदेव महादेव को पारिजात (हरसिंगार) के फूल अत्यंत प्रिय हैं। इसका एक फूल पाकर महादेव प्रसन्न हो जाते हैं और अर्पण करने वाले की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसकी पत्तियां भी भोलेनाथ को प्रिय हैं। दरअसल यह समुद्र मंथन में प्रकट हुआ
आर्बर-ट्रिस्टिस शब्द का अर्थ "उदास वृक्ष" भी है। भारत में, पारिजात को "हरसिंगार या देवताओं का आभूषण" भी कहा जाता है। नतीजतन, यह एकमात्र फूल है जिसे जमीन से उठाकर देवताओं को चढ़ाया जा सकता

पारिजात (Parijat / Night Jasmine)
• रंग: सफेद फूल, नारंगी डंठल
• गुण: यह पुष्प दिव्यता, भक्ति, सौभाग्य और ईश्वरीय कृपा का प्रतीक है।
• संबंधित ग्रह: गुरु (बृहस्पति) और सूर्य
• उपयोग:
• बृहस्पति की कृपा के लिए गुरुवार को पारिजात पुष्प अर्पण करें।
• सूर्य पूजा में इसका प्रयोग करने से आत्मबल, नेतृत्व शक्ति और तेज बढ़ता है।
• संतान प्राप्ति, ज्ञान और सामाजिक मान

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