पुराने समय लोग कहते थे
हमारी कुंडली मिलाई नही और शादी हमारी पूरी जीवन अच्छे से कटे।
आईये यह रहस्य भी बताते है??????
पहले हर विवाह के समय पंडित उसी मंडप मे कुंभ विवाह करा दिया जाता था।किसी की कुंडली न मिले या हर परिस्थितियों में इसकी आवश्यकता होती थी।
या
जब किसी लड़की की कुंडली में पहली शादी का सुख नहीं होता
निम्न में से कोई भी स्तिथि कुंडली में होती तो विवाह से पूर्व कुंभ विवाह करके कुंभ को फोड़ दिया जाता और दूसरी शादी में प्रवेश किया जाता है।
कुछ महत्वपूर्ण योग मे बहुत महत्वपूर्ण होता है।
लडकी का विष्णु और, लडकै का आक विवाह ।कुंभ या घट का फोड़ना आवश्यक है।
1
यदि कुंडली में सप्तम भाव में विष योग हो , अंगारक योग है, शापित योग हो , चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण योग हो तो कन्या की शादी से पूर्व घट या कुंभ विवाह आवश्यक हो।
2
यदि सप्तमेश पाप ग्रह से पीड़ित हो या पाप ग्रह से दृष्ट हो तब भी घट विवाह करना चाहिए
3:
सप्तम भाव पाप तारत्री योग से पीड़ित हो तब भी यह आवश्यक
लग्नेश निर्बल होकर पाप ग्रह से पीड़ित हो या दृष्ट हो फिर भी घट विवाह आवश्यक है।
कन्या बिष् कन्या योग हो।
कमश:

