जीवित्पुत्रिका व्रत
महालक्ष्मीव्रतेऽष्टमी चन्द्रोदयव्यापिनी ग्राह्या।
पूर्वा वा परविद्धा वा ग्राह्या चन्द्रोदये सदा।।
जीवत्पुत्रिका_तु
लक्ष्मीव्रतञ्चाभ्युदिते शशाङ्के
यत्राष्टमी आश्विन कृष्ण पक्षे।
यत्रोदयं वै लभते दिनेशो
जीवत्सुताख्या व्रतमस्तु तत्र।
अत्र_विषेषः
पूर्वेद्युः अपरेद्युर्वा प्रदोषे यत्र चाष्टमी।
तत्रपूज्यः सनारीभिः राजाजीमूतवाहनः।।
मैथिलनिबन्धनिर्णये
प्रदोष समये स्त्रीभिः पूज्यो जीमूतवाहनः।।
धर्मसिंधुग्रन्थे_उल्लिखितम्
विष्णुधर्मोत्तरस्य वचनानुसारः
--पूर्वेद्युरपरेद्युर्वा प्रदोषे यत्र चाष्टमी।पूज्यस्तस्य स नारीभी राजा जीमूतवाहन।।
भविष्यपुराणे
प्रदोष समये स्त्रीभिः पूज्यो जीमूतवाहनः।पुष्करिणिंविधायाथ प्राङ्गणे चतुरस्रिकाम्।
इति।
इस मत से 6 अक्टूबर के लिए मत अधिक है।अतः 6 अक्टूबर को व्रत करना तर्कसंगत है।
जिवत्पुत्रिका व्रत पर शास्त्रीय निर्णय
भ्रम में नहीं पड़े जिवत्पुत्रिका व्रत जिउतिया
दिनांक
06/10/2023 को ही होगा और 07/10/2023 को नवमी तिथि दिन में 10:21पर हो जाने के बाद पारणा होगा।
सर्वप्रथम जीवितपुत्रिका व्रत कथा
के आधार पर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष कि शुद्ध अष्टमी तिथि को यह व्रत करना चाहिए और नवमी में परणा करना चाहिए साथ हीं यह व्रत प्रदोष व्यापीनी भी है......... भविष्य पुराण के अनुसार -- आश्विन कृष्ण अष्टमी जीवित्पुत्रिका .........
ईषे मास्यसिते पक्षे चाष्टमी या तिथि भवेत्।
पुत्रसौभाग्यदा स्त्रिणाम् ख्याता सा जीवपुत्रिका।
शालीवाहनराजस्य पुत्रो जिमूतवाहन:।
तश्याम् पूज्य स नारिभी पुत्रसाभाग्यलिप्सया।।"
यह अष्टमी प्रदोष व्यापीनी ग्राह्य है
प्रदोष समये स्त्रिभी:पूज्यो जीमुतवाहन:।
पुष्करिणीम् विधायाथ प्रांगणे चतुरस्रिकाम्।।"
यदि अष्टमी प्रदोष में दो दिन हों तो काल कि प्रधानता और नवमी में पारणा के अनुरोध से दूसरे दिन व्रत करें, पूर्व दिन व्रत करने पर अष्टमी में पारणा करनी पड़ेगी जो दूषित है अष्टमी के समाप्त होने पर रात्रि में पारणा करनी होंगी जो निसिद्ध है इसलिए दो उपवास करना पड़ेगा।
यदि अष्टमी पूर्व दिन प्रदोष में रहे, दूसरे दिन न रहे तो
विष्णु धर्मोत्तर के अनुसार पूर्व दिन हीं व्रत करें अष्टमी समाप्त होने पर पारणा करें।
पूर्वेद्युपरेद्यूर्वा प्रदोषे यत्र चाष्टमी।
तत्र पूज्य सदास्त्रिभी राजा जीमुतवाहन:।
विशेष :- इस आधार पर भ्रम में नहीं पड़े जीवितपुत्रिका व्रत दिनांक 06/10/2023 को ही होगा और 07/10/2023 को नवमी तिथि दिन में 10:21मिनट पर लगेगा जिसके के बाद पारण किया जा सकता है।
शुक्लपक्षे तिथिर्ग्राह्या यस्यामभ्युदितो रविः।
कृष्णपक्षे तिथिर्ग्राह्या यस्यामस्तमितो रविः ॥
कृष्णपक्षेऽष्टमी चैव कृष्णपक्षे चतुर्दशी।
पूर्वविद्धा प्रकर्तव्या परविद्धा न कुत्रचित् ॥
आपस्तम्बमुनिनोक्तम्
6अक्टूबर को ही उचित है ।