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प्रत्यंगिरादेवी_पूजनमंत्रस्तोत्र एवं108 नाम ।।

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प्रत्यंगिरादेवी_पूजनमंत्रस्तोत्र एवं108 नाम ।।

ॐ प्रत्यंगिरायै विद्महे शत्रूनिषूदिन्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्। शरभेश्वर पूजन के बाद प्रत्यंगिरा देवी का आवाहन कर पूजन करें। ।।प्रत्यंगिरादेवी ध्यानमंत्र।। खडग कपाल डमरु त्रिशूलं सं बिभ्रतीं चंद्रकलावतंसा पिंगउर्ध्वकेशासित भीमदंष्ट्राम भूयाद विभूत्यै मम भद्रकाली मेघांगीं विगतांबरां शवशिवारावां त्रिनेत्रां परां कर्णलंबित बालयुग्मभयदां मुंडस्त्रजांमालिनीं वाम अधो उर्ध्व करांबुजे नरशिर: खडगं च सव्येतरे दमाभिती विमुक्त केश निचयां वंदे सदा प्रत्यंगिराम मा भगवती प्रत्यंगिरा देवि आवाहयामि मम पूजा स्थाने स्थापयामि पूजयामि नम:। ॐ स्वागतं देवदेवेशी सन्निधौ भव आत्मनि गृहाण मानसीं पूजां यथार्थ परिभाषिता अब भगवती प्रत्यंगिरा देवी का पंचोपचार पूजन करें। 1.ॐ प्रत्यंगिरायै नम: गंधं समर्पयामि ( चंदन अष्टगंध या हल्दी कुंकुम अर्पण करें ) 2.ॐ प्रत्यंगिरायै नम: पुष्पम समर्पयामि ( पुष्प अर्पण करें ) 3.ॐ प्रत्यंगिरायै नम: धूपं समर्पयामि ( धूप या अगरबत्ती दिखायें ) 4.ॐ प्रत्यंगिरायै नम: दीपं समर्पयामि ( दीप दिखायें ) 5.ॐ प्रत्यंगिरायै नम: नैवेद्यं समर्पयामि ( नैवेद्य अर्पण करें ) भगवती के 108 नामों से अक्षत पुष्प अर्पण करें। 1) ॐ प्रत्यंगिरायै नम: 2) ॐ ओंकाररुपिण्यै नम: 3) ॐ विश्वरुपायै नम म: 4) ॐ विरुपाक्षप्रियायै नम: 5) ॐ जटाजूटकारिण्यै नम: 6) ॐ कपालमालालंकृतायै नम: 7) ॐ नागेंद्रभूषणायै नम: 8) ॐ नागयज्ञोपवीत धारिण्यै नम: 9) ॐ सकलराक्षसनाशिन्यै नम: 10) ॐ श्मशानवासिन्यै नम: 11) ॐ कुंचितकेशिन्यै नम: 12) ॐ कपाल खट्वांग धारिण्यै नम: 13) ॐ रक्तनेत्रज्वालिन्यै नम: 14) ॐ चतुर्भुजायै नम: 15) ॐ चंद्रसहोदर्यै नम: 16) ॐ ज्वालाकरालवदनायै नम: 17) ॐ भद्रकाल्यै नम: 18) ॐ हैमवत्यै नम: 19) ॐ नारायणसमाश्रितायै नम: 20) ॐ सिंहमुख्यै नम: 21) ॐ महिषासुरमर्दिन्यै नम: 22) ॐ धूम्रलोचनायै नम: 23) ॐ शंकरप्राणवल्लभायै नम: 24) ॐ लक्ष्मीवाणीसेवितायै नम: 25) ॐ कृपारुपिण्यै नम: 26) ॐ कृष्णांग्यै नम: 27) ॐ प्रेतवाहनायै नम: 28) ॐ प्रेतभोजिन्यै नम: 29) ॐ प्रेतभोगिन्यै नम: 30) ॐ शिवानुग्रहवल्लभायै नम: 31) ॐ पंचप्रेतासनायै नम: 32) ॐ महाकाल्यै नम: 33) ॐ वनवासिन्यै नम: 34) ॐ अणिमादि गुणाश्रयायै नम: 35) ॐ रक्तप्रियायै नम: 36) ॐ शाकमांसप्रियायै नम: 37) ॐ नरशिरोमालालंकृतायै नम: 38) ॐ अट्टहासिन्यै नम: 39) ॐ करालवदनायै नम: 40) ॐ ललजिव्हायै नम: 41) ॐ ह्रींकारायै नम: 42) ॐ ह्रीं विभूत्यै नम: 43) ॐ शत्रूनाशिन्यै नम: 44) ॐ भूतनाशिन्यै नम: 45) ॐ सर्वदुरितविनाशिन्यै नम: 46) ॐ सकलापन्नाशिन्यै नम: 47) ॐ अष्टभैरवसेवितायै नम: 48) ॐ ब्रह्मविष्णुशिवात्मिकायै नम: 49) ॐ भुवनेश्वर्यै नम: 50) ॐ डाकिनीपरिसेवितायै नम: 51) ॐ रक्तान्नप्रियायै नम: 52) ॐ मांसनिष्ठायै नम: 53) ॐ मधुपानप्रियोल्लासिन्यै नम: 54) ॐ डमरुकधारिण्यै नम: 55) ॐ भक्तप्रियायै नम: 56) ॐ परमंत्रविदारिण्यै नम: 57) ॐ परयंत्रनाशिन्यै नम: 58) ॐ परकृत्यविध्वंसिन्यै नम: 59) ॐ महाप्रज्ञायै नम: 60) ॐ महाबलायै नम: 61) ॐ कुमारकल्पसेवितायै नम: 62) ॐ सिंहवाहनायै नम: 63) ॐ सिंहगर्जिन्यै नम: 64) ॐ पूर्णचंद्रनिभायै नम: 65) ॐ त्रिनेत्रायै नम: 66) ॐ भंडासुरनिषेवितायै नम: 67) ॐ प्रसन्नरुपधारिण्यै नम: 68) ॐ भुक्तिमुक्तिप्रदायिन्यै नम: 69) ॐ सकल ऐश्वर्य धारिण्यै नम: 70) ॐ नवग्रहरुपिण्यै नम: 71) ॐ कामधेनुप्रगल्गायै नम: 72) ॐ योगमायायुगंधरायै नम: 73) ॐ गुह्यविद्यायै नम: 74) ॐ महाविद्यायै नम: 75) ॐ सिद्धिविद्यायै नम: 76) ॐ खडगमंडलसुपूजितायै नम: 77) ॐ सालग्रामनिवासिन्यै नम: 78) ॐ योनिरुपिण्यै नम: 79) ॐ नवयोनिचक्रात्मिकायै नम: 80) ॐ श्रीचक्रसुचारिण्यै नम: 81) ॐ राजराजसुपूजितायै नम: 82) ॐ निग्रहानुग्रहायै नम: 83) ॐ सभानुग्रहकारिण्यै नम: 84) ॐ बालेंदुमौलिसेवितायै नम: 85) ॐ गंगाधरालिंगितायै नम: 86) ॐ वीररुपायै नम: 87) ॐ वराभयप्रदायै नम: 88) ॐ वासुदेवविशालाक्ष्यै नम: 89) ॐ पर्वतस्तनमंडलायै नम: 90) ॐ हिमाद्रिनिवासिन्यै नम: 91) ॐ दुर्गारुपायै नम: 92) ॐ दुर्गतिहारिण्यै नम: 93) ॐ ईषणात्रयनाशिन्यै नम: 94) ॐ महाभीषणायै नम: 95) ॐ कैवल्यफलप्रदायै नम: 96) ॐ आत्मसंरक्षण्यै नम: 97) ॐ सकलशत्रूविनाशिन्यै नम: 98) ॐ नागपाशधारिण्यै नम: 99) ॐ सकलविघ्ननाशिन्यै नम: 100) ॐ परमंत्रतंत्राकर्षिण्यै नम: 101) ॐ सर्वदुष्टप्रदुष्ट शिरश्छेदिन्यै नम: 102) ॐ महामंत्रयंत्रतंत्ररक… 103) ॐ प्रेतभोजिन्यै नम: 104) ॐ नीलकंठिन्यै नम: 105) ॐ घोररुपिण्यै नम: 106) ॐ ह्रीम विभूत्यै नम: 107) ॐ विजयांबायै नम: 108) ॐ धूर्जटिन्यै नम: 109) ॐ महाभैरवप्रियायै नम: 110) ॐ महाभद्रकालि प्रत्यंगिरायै नम: अब एक आचमनी जल अर्पण करें। श्री प्रत्यंगिरा देवी प्रीयतां न मम आचमनी जल मे कुंकुम मिलाकर प्रत्यंगिरा गायत्री से अर्घ्य दे .. ।।प्रत्यंगिरा गायत्री।। 1:-ॐ प्रत्यंगिरायै विद्महे शत्रूनिषूदिन्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्। 2:- ॐ विपरीतायै विद्महे प्रत्यंगिरायै धीमहि तन्नो घोरा प्रचोदयात्। !! प्रत्यंगिरा स्तोत्र!! ॐ देवि जय चामुंडे जय भूतापहारिणी जय सर्वगते देवि प्रत्यंगिरा नमोस्तुते !! विश्वमूर्ते शुभे शुद्धे विरुपाक्षे त्रिलोचने भीमरुपे शिवे विद्ये महाकाये महोदये !! मनोभवे जये जंभे भूताक्षी भीतभीक्षये महामारि विचीत्रांगी गीतनृत्यप्रिये शुभे !! विकरालि महाकालि कालिके पापहारिणी पाशहस्ते दण्डहस्ते भीमरुपे भयानके !! खडगादि धारिणी देवि महाभयविनाशिनी कपालधारिणी देवि कल्याणकारिणी सदा डमरुधारिणी अंबा रक्षत शत्रूदूषकान त्रिशूलेन रक्ष देवि भक्तानां भयहारिणी चामुंडे ज्वालमालास्थे तीक्ष्णद्रंष्ट्रे महाबले शवासनस्थिते देवि प्रेतासनगते गिरौ भीमाक्षि भीषणे देवि सर्वभूतभयंकरि करालि विकरालीति महाकाली कपालिनी कालि करालविक्रांते कालरात्रि नमोस्तुते सर्वशस्त्रावृत्ते देवि सर्वदेव नमस्कृते सर्वज्ञानप्रदे भद्रे प्रत्यंगिरा नमोस्तुते व्याघ्रचर्मांबरावृत्ते कर्त्री खर्परधारिणी वज्रपुष्पप्रिये शुभ्रे प्रत्यंगिरा नमोस्तुते स्तोत्रेण अनेन देवि त्वां मे स्तुवंति वरानने तेषां त्वं वरदानेन भव सर्वगता सती यश्चेदं श्रावयेद भक्त्वा स्नात्वा वै पौष्करे जले !! प्रत्यंगिरा मंत्र का रुद्राक्ष या काली हकी क माला से यथाशक्ति जप करें।
मंत्र:-क्रीं प्रत्यंगिरा महाशक्ति हुं फट स्वाहा!
उसके बाद क्षमा प्रार्थना करें।

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