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मंगला गौरी उपाय

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मंगला गौरी उपाय

मंगला गौरी व्रत  18 जुलाई : अधि सावन का तीसरा मंगलवार। प्रतिपदा तिथि के साथ पुष्य नक्षत्र है शनि की साढ़ेसाती, अंगकारा योग और विधवा योग को कटने वाला है.. ********* ====================== मंगल योग के कारण अगर आपकी शादी विवाह में रुकावट आ रही है या और देरी हो रही हैं तो श्रावण मास में मंगलवार को आने वाला मंगला गौरी व्रत आपके लिए लाभदायी साबित हो सकता है। मंगला गौरी व्रत-पूजन श्रावण माह के सभी मंगलवारों को किया जाता है। इस दिन गौरीजी की पूजा होती है। यह व्रत मंगलवार को किया जाता है, इसलिए इसे मंगला गौरी व्रत कहते हैं। इस दिन मंगल दोष से बचने के लिए मंगला गौरी व्रत, मंत्र जाप और निम्न उपाय आपकी शादी की राह को आसान बनाने में आपकी मदद करेंगे।

उपाय :- ================= कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें घर में उपस्थित हो तो मंगल दोष बनता है।

अत:मंगलवार के दिन मंगला गौरी के साथ-साथ हनुमानजी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।

मंगला गौरी व्रत के दिन एक समय ही शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ग्रहण करना चाहिए। मंगलवार के दिन बंधुजनों को मिठाई का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है। एक लाल वस्त्र में दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।

 कुंवारी कन्याओं को मंगल दोष में श्रीमद्भागवत के अठारहवें अध्याय के नवम् श्लोक जप,

गौरी पूजन सहित तुलसी रामायण के सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।

. इस दिन विवाह योग्य जातक को मिट्टी का खाली पात्र चलते पानी में प्रवाहित करना चाहिए।

अगर कुंडली में मंगल दोषपूर्ण हो तो विवाह के समय घर में भूमि खोदकर उसमें तंदूर या भट्टी नहीं लगानी चाहिए।

. पूरे श्रावण मास में या व्रत के दिन श्री मंगला गौरी मंत्र- ॐ गौरीशंकराय नमः का अधिक से अधिक जाप करें।

लाल कपड़े में सौंफ बांधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए। इस उपाय से इस दोष में कमी आती है।

 जातक के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

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