बृहस्पति, जिसे गुरु ग्रह भी कहा जाता है, 14 मई 2025 को रात 2:30 बजे IST (भारतीय मानक समय) में मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। यह गोचर 18 अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगा, जब बृहस्पति कर्क राशि में प्रवेश करेगा। बृहस्पति फिर से रेट्रोग्रेड (वापस उल्टी दिशा में) होगा और 5 दिसंबर 2025 को रात 8:39 बजे IST में मिथुन राशि में पुनः प्रवेश करेगा, जो 2 जून 2026 तक जारी रहेगा।
2025 से 2026 के बीच बृहस्पति (गुरु ग्रह) का गोचर (transit) महत्वपूर्ण ज्योतिषीय परिवर्तन लेकर आएगा, जो सभी राशियों को विभिन्न रूपों में प्रभावित करेगा।
बृहस्पति गोचर 2025–2026: प्रमुख तिथियाँ • 14 मई 2025: बृहस्पति मिथुन राशि (Gemini) में प्रवेश करेगा। • 18 अक्टूबर 2025: बृहस्पति कर्क राशि (Cancer) में प्रवेश करेगा। • 11 नवंबर 2025: बृहस्पति वक्री (retrograde) होगा। • 5 दिसंबर 2025: बृहस्पति वक्री अवस्था में पुनः मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। • 11 मार्च 2026: बृहस्पति मार्गी (direct) होगा। • 1 जून 2026: बृहस्पति मिथुन राशि से निकलकर अगली राशि में प्रवेश करेगा।
⸻ 🔮 गोचर का सामान्य प्रभाव मिथुन राशि बुध ग्रह द्वारा शासित होती है, जो संचार, बुद्धिमत्ता, और शिक्षा का प्रतीक है। बृहस्पति का मिथुन में गोचर इन क्षेत्रों में विस्तार और विकास को दर्शाता है। यह अवधि सामाजिक संपर्क, नेटवर्किंग, और विचारों के आदान-प्रदान के लिए अनुकूल होती है। जब बृहस्पति (गुरु) मिथुन राशि में होता है, तो उसका स्वभाव कुछ विशिष्ट प्रभाव लाता है — और साथ ही उससे सामंजस्य बनाने के लिए विशेष ध्यान और उपाय भी ज़रूरी होते हैं। मिथुन राशि बुध ग्रह की होती है, जो विचार, वाणी, तर्क और जिज्ञासा का प्रतिनिधित्व करता है; वहीं गुरु ज्ञान, विस्तार, नीति और धार्मिकता का। ⸻ मिथुन में गुरु का स्वभाव • गुरु मिथुन में नीच का माना जाता है — यानी यह स्थिति गुरु के लिए कमजोर होती है। • व्यक्ति में बहुत सारी बातें, सोच, लेकिन निर्णय में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। • ज्ञान का विस्तार तो होता है, लेकिन वह स्थिरता और गहराई से वंचित रह सकता है। ⸻ क्या करें — ध्यान और उपाय 1. ध्यान का प्रकार (Meditation): • स्वर-ध्यान / मंत्र ध्यान: गुरु मंत्र या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” जैसे शांत, स्थिरता देने वाले मंत्रों का जाप करें। • गायत्री मंत्र (दैनिक 11 या 108 बार) बुद्धि और गुरु-दोष दोनों के लिए हितकारी है। • ब्रह्म मुहूर्त ध्यान: सुबह 4 से 6 बजे के बीच ध्यान करें — यह गुरु को जाग्रत करता है। 3. कौन-से रत्न? • यदि कुंडली अनुमति दे तो पुखराज (Yellow Sapphire) पहन सकते हैं, लेकिन यह केवल योग्य ज्योतिषी से पूछकर ही करें। • विकल्प: पीली गोमती चक्र, या हल्दी की गांठ का ताबीज भी शुभ होता है। ⸻ 4. क्या न करें? • व्यर्थ बहस या वाणी का दुरुपयोग न करें। • छल, दिखावा या अधूरे ज्ञान से दूसरों को प्रभावित करने से बचें। • गुरु-द्वेष या शिक्षक/बुजुर्गों के प्रति अनादर न करें।🧘♂️ सुझावित उपाय • गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और पीले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। • गुरु मंत्र: “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का 108 बार जाप करें। • दान: पीली वस्तुएँ जैसे चने की दाल, पीले फल, या पीले वस्त्र दान करें। • पुखराज रत्न: यदि कुंडली में अनुकूल हो, तो पुखराज रत्न धारण करें।
जब गुरु (Jupiter) मिथुन राशि (Gemini) में होता है, तब किस राशि के लिए सौभाग्य (Good Luck) बढ़ता है — इसका चार्ट तैयार किया जाए। तो नीचे दिया गया है एक विशेष “Gemini Jupiter Good Luck राशिफल चार्ट”, जिसमें यह दिखाया गया है कि जब गुरु मिथुन में होता है, तब कौन-कौन सी राशियाँ सबसे ज्यादा सौभाग्यशाली होती हैं, और वे किन क्षेत्रों में लाभ पाती हैं।Gemini Jupiter Good Luck राशि लाभ के क्षेत्र Good Luck संकेत उपाय मेष (Aries) व्यापार, छोटे भाई-बहन, यात्रा नेटवर्किंग में ग्रोथ, संचार लाभ हरे फल खाएँ, बुधवार को दान करें वृषभ (Taurus) धन, पारिवारिक सुख, बोलचाल आर्थिक उन्नति, बोलचाल में मधुरता चने की दाल दान करें, हल्दी जल में मिलाकर स्नान मिथुन (Gemini) आत्मबल, व्यक्तित्व, निर्णय नया आत्मविश्वास, नई शुरुआत गुरु मंत्र जाप करें, पीले वस्त्र पहनें सिंह (Leo) मित्र, समाज, योजनाएं सोशल सर्कल से लाभ, मान-सम्मान सूर्य और गुरु मंत्र का संयुक्त जाप तुला (Libra) उच्च शिक्षा, विदेश, धर्म भाग्य में वृद्धि, विदेश योग पुखराज धारण करें, ब्राह्मण को गुरुवार भोजन धनु (Sagittarius) विवाह, साझेदारी अच्छे संबंध, सहयोगी लाभ गुरुवार को केले का पेड़ जलें, गुरु मंत्र कुंभ (Aquarius) संतान, रचनात्मकता, प्रेम नई ऊर्जा, नई परियोजनाएँ बच्चों को पीले मिठाई दें, पूजा करें महत्वपूर्ण टिप्स: • जिन राशियों को शुभ फल मिलता है (जैसे मेष, वृष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, कुंभ), उन्हें बुद्धि और संचार से संबंधित प्रयास बढ़ाने चाहिए। • गुरु का मिथुन में होना बुद्धि + धर्म के मिलन का समय होता है — अतः लेखन, अध्यापन, तकनीक + आध्यात्मिकता के योग बनते हैं। [2:54 am, 14/5/2025] Anjana Medical Astrologer: गुरु (Jupiter) का मिथुन राशि में स्थित होना किन राशियों के लिए कमज़ोर या नकारात्मक प्रभाव (bad effects) ला सकता है, तो नीचे चार्ट रूप में उसका विवरण दिया गया है:
⸻Bad Effects of Jupiter in Gemini राशि संभावित दुष्प्रभाव कर्क (Cancer) मन की अशांति, एकाकीपन की भावना, निर्णय में असमंजस। वृश्चिक (Scorpio) छिपे शत्रु सक्रिय हो सकते हैं, मानसिक बोझ या आर्थिक दबाव। मकर (Capricorn) स्वास्थ्य संबंधित समस्या (पेट/जठर), कार्य में विघ्न। मीन (Pisces) पारिवारिक विवाद, घरेलू तनाव, माता से दूरी या मतभेद। अन्य सामान्य प्रभाव (मिथुन में गुरु कमजोर क्यों माना जा सकता है
• गुरु मिथुन में नीच भंग योग या कमजोर स्थिति में आ सकता है। • मिथुन बुध की राशि है – बुद्धि और संवाद प्रधान, जबकि गुरु आस्था, ज्ञान और गहराई का प्रतीक है। यह अति-सतही विचार और भटकाव पैदा कर सकता है। • निर्णय में दुविधा और टालमटोल, आध्यात्मिक भ्रम।
⸻उपाय (अगर गुरु मिथुन में कमजोर हो): 1. पीले वस्त्र, चने की दाल का दान गुरुवार को। 2. “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप (108 बार)। 3. आंवला, पीला फल और हल्दी का सेवन। 4. माता-पिता या गुरुओं का आशीर्वाद नियमित लें।