
वृषभ लग्न की कुंडली में मंगल सप्तमेश होते हैं । यदि मंगल या सप्तम भाव किसी ग्रह से पीड़ित ना हो तो ऐसे व्यक्ति का 20 - 21 वर्ष में विवाह का योग बनता है ।
ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार 18 वर्ष में विवाह का योग बताया गया है और 30 - 40 वर्ष पहले होता भी था ।
इस कुंडली में मंगल पर केतु की दृष्टि है और सप्तम भाव में राहु एवं शनि की दृष्टि है । राहु और शनि दोनों ही विलंब से विवाह का योग बनाते हैं । ऐसे योग में 32 - 35 वर्ष के बाद ही विवाह का योग बनता है । कई बार तो 40 तक भी हो जाता है
कुंडली से हमें यह समझ में आ गया कि विवाह में विलंब का योग है परंतु हस्तरेखा के माध्यम से गणना करके सही समय निकाला जा सकता है इससे संबंधित विस्तार से वीडियो मैंने अपने यूट्यूब पर बनाया है आप लोग देख सकते हैं ।
चाहे कोई भी उपाय करें , विवाह का जो समय है वह पहले नहीं हो सकता है । उपाय से सिर्फ वैवाहिक जीवन में होने वाली परेशानी को ठीक किया जा सकता है ।
ऐसे योग में यदि जल्द विवाह हो जाता है तो दो विवाह का भी योग बन जाता है । कुंडली के साथ हस्तरेखा के माध्यम से इन बातों को प्रमाण के साथ समझ सकते हैं ।
कल एक महिला की कुंडली मेरे पास आई और उनके विवाह में बहुत ज्यादा विलंब हो रहा है । जब मैंने हस्त रेखा का फोटो मंगवाया तो उसमें लगभग 20 वर्ष में विवाह का योग था और दूसरा लगभग 35 वर्ष में विवाह का योग था ।
इनकी 20 वर्ष में विवाह नहीं हुई । इससे यह फायदा हुआ कि दो विवाह के योग एवं परेशानी से बच गए । उनकी कुंडली में भी इस कुंडली से मिलते जुलते योग थे ।