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सूर्य का गोचर तुला राशि में 18 अक्टूबर से रात्रि 1.47से 17 नवंबर तक

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सूर्य का गोचर तुला राशि में 18 अक्टूबर से रात्रि 1.47से 17 नवंबर तक

तुला  सूर्य ग्यारहवें घर पर शासन करता है, जो दोस्ती का प्रतीक है। चूँकि यह तुला   राशि में पीड़ित है, इसका मतलब है कि परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और जितना बेहतर आप उनके साथ जुड़ेंगे और उनके साथ समय बिताने का आनंद लेंगे, उतना ही बेहतर होगा। तुला एक मर्दाना और हवादार राशि है। यह संतुलित तराजू दिखाता है, जो न्याय, निष्पक्षता और सद्भाव का प्रतीक है। दूसरी ओरसूर्य स्वतंत्र रूप से सभी को प्रकाश देता है। प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वह अमीर हो या गरीब, संत हो या चोर, जब वह बाहर निकलता है तो उसे सूर्य ग्रह की समान मात्रा में कृपा प्राप्त होती तुला राशि में सूर्य अस्त हो रहा है। इसके अलावा, तुला राशि के तहत सूर्य ग्रह शुक्र के प्रति निर्दयी है, जिससे प्रतिबंधित महसूस करते हैं। सूर्य के तुला राशि में गोचर के परिणामस्वरूप, कुछ लोग अपनी उच्च महत्वाकांक्षाओं से विमुख हो सकते हैं। कुछ लोगों को अपने रिश्तों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे वे अपने जीवनसाथी के साथ सौम्य तरीके से संयुक्त उद्यमों पर चर्चा करने के लिए आवश्यक प्रयास करने में कम उत्सुक होंगे। कुछ लोग अपने दैनिक जीवन में अस्थिर दिखाई दे सकते हैं क्योंकि जब बात कल्पना की आती है तो वे अपने लक्ष्यों के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते हैं। चूंकि सूर्य एक शुष्क आकाशीय पिंड है, इसलिए इसमें कई प्रकार के त्वचा संबंधी विकार पैदा करने की क्षमता है। सूर्य गोचर के दौरान भरपूर मात्रा में पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। व्यक्तिगत राशियों पर सूर्य गोचर का प्रभाव: जबकि सूर्य हमारे अंतरतम स्व, आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है, हम लोग केवल अपना बाहरी स्व या अहंकार दिखाते हैं। यह जातक को नेतृत्व करने की क्षमता और प्रसिद्ध होने की इच्छा प्रदान करता है। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को एक राजा के रूप में भी देखा जाता है, इसलिए यह राजसत्ता, राज्य और उच्च पदों को नियंत्रित करता है। यह अच्छे स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और खुशी का भी प्रतिनिधित्व करता है। मजबूत सूर्य वाला व्यक्ति नेता बनने की संभावना रखता है। सूर्य को एक राशि से गुजरने में एक महीना लगता है। यह सौरमंडल का एक महत्वपूर्ण ग्रह है और इसका गोचर आपके जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। सूर्य का भ्रमण तीन नक्षत्र में होगा चित्रा, स्वाति और विशाखा विशाखा का चौथा चरण तक सूर्य का गोचर होगा। इसका मतलब सूर्य मंगल के, राहु के और गुरु के नक्षत्र में भ्रमण करेंगे इनका फल कथन 17 नवंबर तक किस तरह का होगा? गोचर सूर्य की कुंडली सूर्य जब तुला राशि में जा रहा है तब कर्क लग्न होगी अश्लेषा नक्षत्र बहुत ज्यादा उलट फेर सरकारी और देश अंतरराष्ट्रीय स्तर में होगी क्योंकि सूर्य का गोचर चतुर्थ में केतु के साथ होने जा रहा है और मंगल भी साथ होंगे, यह एक युद्ध की भूमिका में होंगे साथ चंद्रमा का वृश्चिक राशि में पृथ्वी के अंदर एक हलचल भूकंप आदि की भी संभावना बनती है वृश्चिक राशि अष्टम राशि होती है मंगल केतु मौसम में बहुत तेजी से परिवर्तन करेंगे परिवर्तन ठंड और गर्मी और उमस का होगा। तुला राशि जहां पर सप्तम स्थान को बताती है कल पुरुष की कुंडली में इसका भ्रमण निश्चित ही सूर्य का काल पुरुष के हिसाब से पार्टनरशिप के लिए विदेश से संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

सूर्य का नक्षत्र में गोचर अब अगर हम सूर्य का मंगल का नक्षत्र कहे तो सूर्य का ट्रांजैक्शन जब 18 अक्टूबर से करीब एक सप्ताह से दो सप्ताह में हमें बहुत तरह के युद्ध के संकेत दिखाई देंगे लोग आगे बढ़ाने के लिए होड़ लगाएगी। जब सूर्य राहु के नक्षत्र में है तो राजनीतिक उथल-पुथल का समय हो जाएगा, मीडिया आदि में काफी शेयर बाजार में उछाल आएगा मीडिया कुछ चीजों को बाहर पॉलिटिकल निकलेगा भी। इसके बाद सूर्य जब विशाखा नक्षत्र में होंगे तब लोग पूजा पाठ कर्मकांड क्योंकि उसे समय त्योहारों का भी समय हो जाएगा लोग उसमें व्यस्त नजर आएंगे इस तरह से मानसिक स्थिति में देखें तो :::: 18 अक्टूबर से 28 अक्टूबर..लोग पहले बहुत आक्रामक दिखाई देंगे इसके बाद में बहुत पॉलिटिक्स के रूप में दिखाई देंगे दोगलापन रहेगा लोगों में , सूर्या का आखिरी में जब 5 नवंबर के आसपास तब लोगों का मन काफी शांत और स्थिर हो जाएगा इस समय शनि भी मार्गी हो जाएंगे इस तरह का फल गोचर का सूर्य दे रहा है। तुला राशि का सूर्य का फल कथन सकारात्मक चौथे स्थान में अगर सूर्य होता है तो मान सम्मान पब्लिक का होता है राज्य सरकार, सट्टा ,राज सेवा, राजप्रियता को बताता है ।वहीं पर युद्ध में आगे होकर लड़ने का भी संकेत देता है ।और बहुत स्त्रियों से लाभ होता है क्योंकि यह मध्य अवस्था का सूचक होता है इसलिए 28 से 50 वर्ष के लोग बहुत ज्यादा इस समय पार्टिसिपेट करेंगे और यश की प्राप्ति भी कर सकते हैं ।चौथे स्थान का सूर्य शुभ फल देता है मुख्य रूप से मिथुन कन्या तुला धनु मकर और मीन में हो तो साथ ही साथ त्रिकोण और केंद्र में है तो निश्चित है बहुत सारे वाहनों का इस समय खरीदारी होगी। नकारात्मक लोग अंदर अंशाति में रहेंगे वहीं पर नेगेटिविटी देखी जाए तो विद्या समझदारी काम नहीं लेंगे क्योंकि घमंडी भी हो जाएंगे लड़ाई झगड़ा भी करेंगे, बुरी संगति भी दिखाई देगा ,मन में बहुत उहपेश रहेगा और व्यर्थ का भ्रमण लोग करेंगे । पिता से विरोध भी हो सकता है क्योंकि और चित्त शांत नहीं होगा घबराहट रहेगा और एक स्थान पर टिकेंगे नहीं इस समय लोग पर सूर्य ग्रहण का असर भी दिखाई दे रहा है । तुला सूर्य समय लोकसभाओं को बहुत सारी नेगेटिव टीवी आदि में दिखाई देगी और हार्ट के रोग भी बढ़ते हुए दिखाई देंगे क्योंकि समय मौसम में भी परिवर्तन आएगा तो जमीन में भी हलचल होगी और इस तरह से लोग काफी घर भी खरीदारी करेंगे ऐसा संकेत मिलते हैं ।

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