खण्डग्रास चंद्र ग्रहण -
:आश्विन शुक्ल 25, शनिवार, दिनांक 28अक्टूबर 2023
यह ग्रहण भारत के साथ साथ ऑस्ट्रेलिया,रूस,अरब देशो, दक्षिण पश्चिम एशिया, अफ्रीका, उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका के पूर्वी भागो मे दृश्य होगा|
ग्रहण के समय राशि -मेष |नक्षत्र -अश्विनी |
ग्रहण का समय
प्रारम्भ -रात्रि 1:11 बजे | मध्य 1:55 |मोक्ष - रात्रि 2:22 बजे |
राशि फल
शुभ- कुंभ धनु वृश्चिक कर्क मिथुन |( इन राशियों से ग्रहण की राशि 3,5,6,10,11 वीं है )
मिश्रित - मीन तुला से हैं (इन राशियों से ग्रहण की राशि 2,7,9 वीं है )
अशुभ-मेष,मकर,कन्या,वृष (इन राशियों से ग्रहण की राशि 1,4,8,12 वीं है)
विदेशों में दृश्य ग्रहण
खग्रास सूर्यग्रहण - वैशाख कृष्ण 30, गुरुवार, दिनांक 4 अप्रैल 2023
यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया,इंडोनेशिया मलेशिया,वियतनाम,फिलीपींस, न्यूजीलैंड के उत्तरी भाग दृश्य होगा |
खग्रास सूर्यग्रहण -
अश्विन कृष्ण 30, शनिवार, दिनांक 14 अक्टूबर 2023
यह ग्रहण कनाडा,यूनाइटेड स्टेट्स, मेक्सिको, कोलंबिया,ब्राजील,चिली, पेरू इत्यादि देशों में दृश्य होगा |
सूतक काल-: सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले से तथा चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले से सूतक लग जाता है |
चंद्र ग्रहण ये उपच्छाया चंद्र ग्रहण है
चंद्र ग्रहण का समय
5 मई को उपच्छाया चंद्रग्रहण रात 08 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा और 6 मई को सुबह 01 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगा।
ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे और 18 मिनट होगी। यह खगोलीय घटना भारत से दिखाई नहीं देगी।
लेकिन सूतक काल मान्य नहीं
वैसे तो चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, लेकिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
ये चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा वाले दिन लगेगा। वैसे तो चंद्र ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, लेकिन पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा की रात जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्र ग्रहण लगता है।
क्या होता है उपछाया ग्रहण-
चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है। जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है तब पूर्ण चंद्रग्रहण लगता है। उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है।
इन देशों में दिखेगा ये ग्रहण
जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया सिर्फ एक तरफ से होती है तो उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इसके कारण ये ग्रहण हर जगह नहीं देखा जा सकेगा। ये चंद्र ग्रहण यूरोप, सेंट्रल एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा।
2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को होगा और ये पेनुमब्रल यानी उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। इस साल दो चंद्र ग्रहण पड़ेंगे और दूसरा व अंतिम चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा। इस साल दो चंद्र ग्रहण के अलावा दो सूर्य ग्रहण भी पड़ेंगे। पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लग चुका है जो एक संकर यानी हाइब्रिड सूर्य ग्रहण था। 2023 का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को होगा।
