
उपाय :- ================= कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें घर में उपस्थित हो तो मंगल दोष बनता है।
अत:मंगलवार के दिन मंगला गौरी के साथ-साथ हनुमानजी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत के दिन एक समय ही शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ग्रहण करना चाहिए। मंगलवार के दिन बंधुजनों को मिठाई का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है। एक लाल वस्त्र में दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।कुंवारी कन्याओं को मंगल दोष में श्रीमद्भागवत के अठारहवें अध्याय के नवम् श्लोक जप,
गौरी पूजन सहित तुलसी रामायण के सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
. इस दिन विवाह योग्य जातक को मिट्टी का खाली पात्र चलते पानी में प्रवाहित करना चाहिए।अगर कुंडली में मंगल दोषपूर्ण हो तो विवाह के समय घर में भूमि खोदकर उसमें तंदूर या भट्टी नहीं लगानी चाहिए।
. पूरे श्रावण मास में या व्रत के दिन श्री मंगला गौरी मंत्र- ॐ गौरीशंकराय नमः का अधिक से अधिक जाप करें।
लाल कपड़े में सौंफ बांधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए। इस उपाय से इस दोष में कमी आती है।जातक के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।