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2023 प्रमुख ग्रहण भारत/ विदेश[सूर्य ग्रहण/चंद्र ग्रहण]

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2023 प्रमुख ग्रहण भारत/ विदेश[सूर्य ग्रहण/चंद्र ग्रहण]

विदेशों में दृश्य ग्रहण रिंग ऑफ फायर" सूर्य ग्रहण + चंद्रमा, बृहस्पति, शनि और शुक्र 14 अक्टूबर - अमावस्या  खग्रास सूर्यग्रहण - अश्विन कृष्ण 30, शनिवार, दिनांक 14 अक्टूबर 2023 14 अक्टूबर - सूर्य का वलयाकार ग्रहण - लगभग 125 मील चौड़े पथ पर, सूर्य प्रकाश की एक संकीर्ण अंगूठी के रूप में दिखाई देगा, जिसे अक्सर "अग्नि की अंगूठी" कहा जाता है। इस आंशिक ग्रहण का मार्ग दक्षिणी कनाडा से शुरू होकर पश्चिमी अमेरिका को पार करते हुए, मध्य और दक्षिण अमेरिका में जाने से पहले पूरे अमेरिका में घूमता है। वलयाकार ग्रहण पथ के बाहर, दृश्य क्षेत्र के भीतर वाले लोग अभी भी आंशिक ग्रहण देखेंगे। चंद्रमा द्वारा कवर की जाने वाली सूर्य की अधिकतम मात्रा आपके स्थान पर निर्भर करती है। यह ग्रहण कनाडा,यूनाइटेड स्टेट्स, मेक्सिको, कोलंबिया,ब्राजील,चिली, पेरू इत्यादि देशों में दृश्य होगा | यह ग्रहण कन्या राशि के हस्त नक्षत्र के चतुर्थ चरण में लग रहा है। मंगल और केतु यहां पर विशेष भूमिका युद्ध की बना रहे हैं। इस ग्रहण से व्यापारी स्तर पर बहुत अचानक आर्थिक व्यवस्थाएं बहुत गिर जाएंगी। प्राकृतिक रूप से भूस्खलन और आपस में रंजिश के कारण जनहानि और खून खराबा जिन स्थानों पर ग्रहण होगा दिखाई देंगे।  मशीन और औजारों का प्रयोग होगा और सभी के अंदर निर्दयता का समावेश दिखाई देगा  शनि मार्गी होने से पहले न्याय व्यवस्था में बहुत कुछ परिवर्तन करके जाएंगे। सूर्य ग्रहण चित्रा नक्षत्र में सूर्य होने से काफी अच्छी इमारत को काफी नुकसान होने का भी संकेत है। : जिनकी वृश्चिक लग्न है उनके लिए शारीरिक कष्ट है जिनकी कन्या राशि है उनका मानसिक कष्ट होगा। शब्दों के जिनका नाम या *से है जिनका नाम ठा से है उन पर ज्यादा असर दिखाई देगा यह असर 1से 2माह में ज्यादा असर दिखाई देगा। भारत मे दृश्य ग्रहण28 अक्टूबर - पूर्णिमा - पूर्णिमा आज रात बृहस्पति ग्रह के साथ उदय होगी। ये आकाश में सबसे चमकीली वस्तुओं में से  हैं, और इन्हें इतने करीब से देखना काफी प्रभावशाली दृश्य होना चाहिए।  खण्डग्रास चंद्र ग्रहण -:आश्विन शुक्ल  शनिवार, दिनांक 28अक्टूबर 2023 यह ग्रहण भारत के साथ साथ ऑस्ट्रेलिया,रूस,अरब देशो, दक्षिण पश्चिम एशिया, अफ्रीका, उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका के पूर्वी भागो मे दृश्य होगा|

ग्रहण के समय राशि -मीन राशि के रेवती नक्षत्र /मेष नक्षत्र -अश्विनी | ग्रहण का समय प्रारम्भ -रात्रि 1:11 बजे | मध्य 1:55 |मोक्ष - रात्रि 2:22 बजे |

चंद्र ग्रहण का असर

चंद्र ग्रहण का असर मीन राशि के रेवती नक्षत्र में जवाहरात, ट्रेडर्स और सेलर्स बाजार है ।दशहरा के दिन24अक्टूवर से शुरू मंगल पंचक भी यही संकेत देते और अश्विनी मेष राशि पर भी असर दिखाई देगा इस ग्रहण के कारण से व्यापारिक स्थिति काफी कुछ खराब होती दिखाई दे रहा है क्योंकि चंद्रमा का रेवती नक्षत्र और लग्न कर्क लग्न /सिंह लग्न होगी अश्लेषा नक्षत्र /मघा नक्षत्र होगा । चार ग्रह योग होंगे केतु सूर्य (नीच )के बुधऔर मंगल होंगे। सरकार को बहुत बड़ा नुक़सान होगा। बहुत तेज हवाएं चलने से और काफी सुनामी की लहर आ सकती हैं इसका असर ज्यादातर समुद्र में दिखाई देगा अगर दिशा की बात करें तो यह पूर्व और उत्तर की दिशा में दिखाई देगा।

चंद्र ग्रहण का समय अश्लेषा नक्षत्र पर होने से विषैले जीव कीड़े ,जंतु रेप्टाइल्स आदि के द्वारा विशेष तरह की बीमारी फैलने का संकेत भी है।

कर्क लग्न /सिंह वालों को शारीरिक कष्ट होगा ।मीन और मेष राशि वालों को मानसिक कष्ट दिखाई देगा। इस ग्रहण का असर चा और डा नाम जिनका होगा । राशि फल शुभ- कुंभ धनु वृश्चिक कर्क मिथुन |( इन राशियों से ग्रहण की राशि 3,5,6,10,11 वीं है ) मिश्रित - मीन तुला से हैं (इन राशियों से ग्रहण की राशि 2,7,9 वीं है ) अशुभ-मेष,मकर,कन्या,वृष (इन राशियों से ग्रहण की राशि 1,4,8,12 वीं है)

सूतक काल-: सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले से तथा चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले से सूतक लग जाता है    

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