नया संवत्सर सरकार का वैराग्यमय शिकंजा* सभी को नए संवत्सर की शुभकामनाएं आचार्या अंजना ज्योतिषविद् 9407555063 सातवें वैवस्वत मनु के बाद से सत्ताईस महान युग बीत चुके हैं। अट्ठाईसवें महायुग में कृत से प्रारंभ होकर तीन युग बीत चुके हैं। सृष्टि के वर्ष1955885126 वर्तमान कलियुग के 5126 वर्ष बीत चुके हैं। विक्रमादित्य के राज्यकाल से लेकर अब तक 2082 वर्ष और शक् के प्रारम्भ से 1947 वर्ष बीत चुके हैं। हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 संवत्सर का नाम: सिद्धार्थ विक्रम संवत: 2082 शुरुआत: 30 मार्च 2025 से6अप्रैल 2026 राजा: सूर्य मंत्री: सूर्य
नए संवत्सर 2082 में कालसर्प योग का निर्माण चार महीने जुलाई तक हो रहा है । सबसे ज्यादा प्रभावी गुरु शनि का प्रभाव इस वर्ष रहेगा। दूसरा सूर्य मंगल का प्रभाव होगा। तीसरा चंद्रमा का प्रभाव है । ब्रह्म योग में नए संवत्सर का राजा सूर्य और मंत्री सूर्य है।( क्योंकि सूर्य मेष राशि में उच्च का सूर्य रविवार के दिन हो रहा है) जिस समय वर्ष की शुरुआत हो रही है उसे समय 6 ग्रह ही युक्त बने हुए हैं । राहु, सूर्य, शुक्र, बुध, चंद्रमा, शनि वहीं पर चंद्रमा उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में है.
सिद्धार्थ वर्ष का नाम फल ज्ञान, त्याग, युक्प्रजा। सारी पृथ्वी प्रचुर फसलों और भारी वर्षा से चमक उठती है . सिद्धार्थ वर्ष में प्रजा को ज्ञान और वैराग्य से युक्त होना चाहिए। सारी पृय्वी पर आनन्द होगा। शनि मीन में होने वैराग्य और मंच की लड़ाई होगी। जलीय भोजन अच्छे हैं। राजा सूर्य फल - सूर्य में, राजा में, थोड़ा फल और बादल, थोड़ा दूध, गाय, प्रजा में कष्ट। थोड़े से मीठे अनाज वाले फल वाले वृक्ष अग्नि को चुराने वाले, राजाओं की मृत्यु में बाधा डालने वाले होते हैं कम दूध, कम बारिश और पेड़ों में कम फल। प्रजा में कष्ट, चोरों और अग्नि का भय, देश और प्रदेश के शासकों को कष्ट होगा। राजसरकारी तन्त्र हावी होगा। मंत्री सूर्य का फल राजा का भय बताने पर भी चोरों से पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में अन्न, धन और अन्य पदार्थ प्राप्त होते हैं। स्वादों का संचय सबसे धनवान है और सूर्य को मंत्री पद प्राप्त है। शासकों, रोग तथा चोरों का भय बढ़ेगा। पृथ्वी पर धन-धान्य की अधिकता होगी। अनाज का संग्रहण और महंगाई कम होगी. शस्येश बुध फसलों का स्वामी बुध फल फसल उगने पर धर्मग्रंथों का पाठ करने वाले ब्राह्मण हमेशा सबसे पहले फसल काटने वाले होते हैं। शस्येश बुध अच्छी वर्षा कराएगा। सुख-समृद्धि बढ़ेगी। कोई व्यवधान नहीं होगा. ब्राह्मण वेदों का पाठ करेंगे। दुर्गेश शनि सूर्य पुत्र का फल है दुर्ग रक्षकों की लड़ाई में पूरे देश में लोग घूम चुके हैं नागरिकों पर विभिन्न शत्रुओं का आक्रमण हो गया और उनकी कृषि संपदा को सभाओं ने नष्ट कर दिया शनि दुर्गेश होकर विश्व में अनेक प्रकार से अशांति फैलाएगा। विदेशी प्रतीकों और प्रयटन को बढ़ाएंगे। पानी में आग/ज्वालमुखी लगने का डर है। धनेश भौमा फल प्रॉपर्टी के दाम अचानक एक माह में दोगुनी हो जायेगी तो राजा को दुःख होगा पृथ्वी धनेश एवं मन्द है। गेहूं कम है. मार्गशीर्ष माह में बेचने से संग्रहित वस्तु में दोगुना लाभ होगा। शासक को कष्ट होगा. रसेश शुक्र फल - पृथ्वी सुख, अभाव और आनंद से भरी है। शुक्र के रसेश होने से लोग यज्ञ, उत्सव आदि करने के लिए उत्सुक रहेंगे। उनका मन संतुष्ट हो जायेगा. पृथ्वी पर सुख और समृद्धि होगी। चन्द्रमा, अन्न फल का स्वामी: चन्द्रमा, अन्न का स्वामी है, वह संतान और वृद्धि उत्पन्न करता है। उस समय गाय के गोबर में गेहूं और सरसों के बीज प्रचुर मात्रा में होते थे। चन्द्रमा का धान्य भाव में होना प्रजा की वृद्धि करेगा । नए भारत का स्तंभ का प्रतीक यह संवत्सर समय बदलने का साहस रखता है1. राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव शासन में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार होगा, लेकिन कुछ संघर्ष भी संभव हैं। नए कानून और नीतियों से देश में उथल-पुथल हो सकती है। विक्रम संवत 2082 विधानसभा चुनाव पुनः हो सकते हैं। ग्रहों की स्थिति: शनि मीन राशि में रहेगा, जिससे शासन और न्याय से जुड़े बड़े फैसले होंगे। विरोध और आंदोलन: राहु-केतु की चाल के कारण सरकार… कुछ संघर्ष नए कानून और नीतियों से देश में उथल-पुथल हो सकती है। भारतीय राजनीति के लिए बदलाव और चुनौतियों से भरा रहेगा। राहु-केतु की चाल कुंभ में राहु सिंह में केतु के कारण सरकार विरोधी आंदोलन और जनाक्रोश बढ़ सकता है। नए राजनीतिक गठजोड़ और समीकरण गठबंधन की राजनीति: इस वर्ष पुराने राजनीतिक दलों के बीच नए गठबंधन बन सकते हैं, जबकि कुछ टूट सकते हैं। नई नीतियाँ और सुधार: केंद्र और राज्यों में आर्थिक सुधारों को लेकर सरकार बड़े फैसले ले सकती है, जिनका व्यापक प्रभाव होगा। युवा नेताओं का उदय: इस संवत्सर में नई पीढ़ी के नेता राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है ।जनता की भूमिका और राजनीतिक जागरूकता इस वर्ष जनता का राजनीतिक जागरूकता स्तर बढ़ेगा, और सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार और विपक्ष पर अधिक दबाव रहेगा।जनमत आंदोलनों का प्रभाव सरकार की नीतियों और चुनावी रणनीतियों पर पड़ सकता है। भारत के कई राज्यों की सरकारों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप के साथ केंद्रीय गवर्नमेंट के भी मंत्री विधायक सांसदों के ऊपर लगेगे।
2. आर्थिक स्थिति और शेयर मार्केट शेयर बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी, लेकिन वर्ष के उत्तरार्ध में सुधार संभव है। कृषि और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में उन्नति होगी। व्यापार और उद्योगों को नई नीतियों का लाभ मिलेगा। शनि के कारण से प्रौद्योगिकी ज्योतिषी अंक शास्त्र में बहुत काम होने वाले हैं। वसीयत भू संपदा चैरिटेबल दान मंदिर ट्रस्ट आदि में नई प्लानिंग होगी । वही पुरातत्व विभाग और तेल के दामों में वृद्धि दिखाई दे रही है ।रोजगार में नई इन्वेंट छोटे लोगों के लिए बहुत ज्यादा दिखाई देंगे।राहु टेक्नोलॉजी में बहुत काम होगा। अर्थव्यवस्था के कामों में हिसाब किताब में टेक्निकल क्षेत्र बहुत आगे होगा गुरु के मिथुन राशि में बैठने से अर्थव्यवस्था शेयर मार्केट पर टिकी होगी। शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए परिश्रम आवश्यक होगा।भारत की मुद्रा स्थिति बढ़ेगी भारतीय भंडार में वृद्धि होगी
नव संवत्सर (हिंदू नववर्ष) के अवसर पर शेयर बाजार में निवेशकों की धारणा और बाजार की चाल इस समय, निवेशक नए लक्ष्यों के साथ अपने निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा और नए निवेश की योजनाएं बनेगी ।हालांकि, बाजार की वास्तविक चाल कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे आर्थिक संकेतक, वैश्विक बाजार की स्थिति, और सरकार की नीतियां। नव संवत्सर के लिए संभावित शेयर बाजार रुझान आर्थिक संकेतक यदि आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति, और रोजगार दर जैसे संकेतक सकारात्मक हैं, तो शेयर बाजार में तेजी की संभावना बढ़ जाती है। वैश्विक बाजार की स्थिति: अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में स्थिरता और सकारात्मक रुझान भारतीय शेयर बाजार को भी प्रभावित कर सकते हैं। सरकारी नीतियां: निवेशकों के अनुकूल नीतियां, जैसे कर राहत या उद्योग समर्थन, बाजार में सकारात्मकता ला सकती हैं। निवेशकों के लिए सुझाव विविधीकरण: अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाएं ताकि जोखिम कम हो और विभिन्न क्षेत्रों में लाभ की संभावना बढ़े। लंबी अवधि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं। लंबी अवधि के निवेश से आप इन उतार-चढ़ावों के प्रभाव को कम कर सकते हैं। वित्तीय सलाह:आपके निवेश लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता के अनुसार रणनीति बनाई जा सके। याद रखें, शेयर बाजार में निवेश जोखिम के साथ आता है। सतर्कता और सूचित निर्णय लेना महत्वपूर्ण है।
3. प्राकृतिक घटनाएँ और हेल्थ
मानसून सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है, जिससे कृषि क्षेत्र को लाभ होगा। इस वर्ष मंगल सूर्य से आगे जा रहे हैं तो वर्षों की कमी दिखाई दे रही है संवत्सर का राजा सूर्य होने से वैसे भी पानी की कमी दिखाई ही देगी। अनाज में बहुत ज्यादा किल्लत होगी या कमी पाई जाएगी दामों में वृद्धि होगी। कुछ क्षेत्रों में भूकंप या तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएँ आ सकती हैं। पैरों के रोगों में वृद्धि दिखाई देती है एडी,नसों में प्रभाव बहुत ज्यादा होगा। वोकल प्रोबलेम और हड्डी पर प्रभाव है।उत्तरा भाद्रपद शेषनाग विशेष रूप से विष्णु जी का मिडल सेंटर पृथ्वी का प्रभावित होगा ज्वालमुखी विस्फोट होने का भी संकेत है। संभावित प्राकृतिक घटनाएं: अत्यधिक गर्मी और जल संकट: सूर्य के राजा और मंत्री होने से इस वर्ष अत्यधिक गर्मी पड़ने की संभावना है, जिससे जल संकट उत्पन्न हो सकता है। प्राकृतिक आपदाएं: ग्रहों की स्थिति के अनुसार, इस वर्ष भूकंप, तूफान, बाढ़, अग्निकांड और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं बढ़ सकती हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव: मई से जुलाई के बीच कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, सूखा और अत्यधिक वर्षा के कारण जल प्रलय जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। सावधानियां और सुझाव: जल संरक्षण: जल संकट से बचने के लिए जल का सदुपयोग करें और संरक्षण के उपाय अपनाएं। स्वास्थ्य देखभाल: अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए उचित सावधानियां बरतें, जैसे हल्के कपड़े पहनना और पर्याप्त पानी पीना। आपदा प्रबंधन: प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क रहें और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। 4. धार्मिक और आध्यात्मिक प्रभाव समाज में आध्यात्मिकता की ओर रुचि बढ़ेगी।बड़े धार्मिक आयोजन होंगे, जिससे सांस्कृतिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी। वर्ष कुंडली संवत्सर की देखी जाती है तो वर्सेस गुरु है जो खजाना, धार्मिक कल का बिगुल बजाता हुआ नजर आ रहा है न्यायालय कालीन व्यवस्था बहुत तेजी से परिवर्तन की ओर आएगी प्रतिष्ठा व जनता में विश्वास बहुत तेजी से गिरावट। इसके लिए सरकार को विशेष रूप से उपाय करने होंगे इंटरनेट फेक न्यूज़ से भरा हुआ होगा सरकार धार्मिक स्थलों को पर्यटन के लिए उसे करेगी और आय का स्रोत बनाना चाहेगी इसके लिए नए-नए कानून बनेंगे और साथ में नए चैरिटेबल ट्रस्ट भी बनेंगे जिससे की मंदिर की आय को कंट्रोल किया जा सकता इस्कॉन टेंपल पर विशेष रूप से काम करेगी सरकार।
5.ग्रहों की स्थिति
शनि मीन राशि में रहेगा, जिससे न्याय और कर्म प्रधानता का प्रभाव रहेगा। गुरु वृषभ 15मई से मिथुन राशि में होगा, जो आर्थिक क्षेत्र में सकारात्मकता लाएगा। राहु और केतु की स्थिति 18मई के बाद कुंभ राहु। और केतु सिंह राशि महत्वपूर्ण होगी, जो राजनीति और सामाजिक गतिविधियों को प्रभावित करेगी।5.व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षेत्र
नौकरी और व्यवसाय में तरक्की के योग हैं।नया व्यापार शुरू करने के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। शनि इस साल सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे नई सृष्टि के सृजन की बात होगी । लोगों का रुझान विवाह की ओर से कम होगा वह अकेले जीवन जीने के लिए उत्सुक रहेंगे। पृथ्वी में संतुलन का समय बहुत तेजी से बढ़ना चाहिए नहीं तो नुकसान होगा। सत रज तम तालमेल बिठाने का समय यह साल समुद्र की गहराई में छिपा हुआ शेषनाग बहुत सारे अंधकार में समय को निकालने की शुरुआत कर सकता है इसे हम शिव का नेत्र भी समझ सकते हैं शनी की शक्ति चरम सीमा पर होगा इस समय व्यक्ति अपने आप को अनंत आशीष के रूप में रहस्य में गंभीरता के साथ खड़ा पाएगा शनि की शक्ति बहुत पावरफुल होने से हमें संयम और अनुशासन में रहने का सलाह देते हैं .6.आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय संबंध भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव रहेगा। कुछ देशों से तनाव बढ़ सकता है, जबकि अन्य के साथ व्यापारिक और रणनीतिक समझौतों की संभावना रहेगी।राष्ट्रीय सुरक्षा कुछ राज्यों में कानून-व्यवस्था को लेकर चुनौतियाँ आ सकती हैं, जिससे सरकार को सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं। इस वर्ष विदेश में आ सकता है भूकंप यूरोपीय देश में भूकंप जैसी घटनाएं विशेष करके होने की योग बनते हैं भारत देगा आर्थिक सहायता विदेशों को विदेश में आपस में आतंकी घटनाएं ज्यादा होगी एशिया यूरोपीय देशों में ज्वालामुखी फूटने की भी घटनाएं भारत में भी दो-तीन बार हल्के भूकंप के झटके आने की संभावना रहेगी विदेश में रासायनिक हथियारों की की होड़ मचेगी, जिसके कारण युद्ध में प्रयोग होने के कारण उससे कई प्रकार की बीमारियां पैदा होने को भी खतरा बनता है । जो भारत में भी बीमारियां पैदा हो सकती है भारत एक सामरिक देश के रूप में उबलेगा जो विदेशों को सहायता देगा। अमेरिका से सम्बन्ध खराब हो सकते हैं।
विदेश में आपसी लड़ाई झगड़ा की वजह से सेवा का प्रयोग कई देशों में होगा भारत में भी विदेश द्वारा किए जाने की आक्रमण किए जाने के कारण भारतीय सेवा मुंहतोड़ जवाब देगी।अमेरिका चीन रूस जैसे देशों की हालत खराब होगी नए-नए आतंकी संगठन पैदा होंगे इस वर्ष कई प्रकार की अपत्याशित घटनाएं नए वर्ष प्रारंभ होते ही तूफान आने की घटनाएं भारत से शुरू होकर के विदेश ,असम में जहां ठंड गिरना चाहिए उसे समय गर्मी रहेगी जहां गर्मी गिरना चाहिए उसे समय ठंड रहेगी । सिंह का केतु मौसम में बहुत सारे अचानक परिवर्तन देगा,बे मौसम हिमपात होगा। इस वर्ष एशिया एवं यूरोपीय देशों में बाढ़ का खतरा ज्यादा रहेगा अप्रैल लगते ही विदेश में आतंकी घटनाएं बढ़ने लगेगी एवं बाढ़ जैसे हालात बने लग जाएंगे कई राष्ट्रों में बाढ़ आएगी आंधी तूफान आएंगे विदेश में कई जगह शासन का परिवर्तन पलट के योग बनते है।महत्वपूर्ण कार्य 2025 1. भारतीय राजनीति में कुछ नए और बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। ज्योतिषीय गणनाओं और वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के आधार पर, इस वर्ष कई नीतिगत बदलाव, सत्ता संतुलन में फेरबदल, और नई विचारधाराओं का उदय संभव है।
2. सरकार और सत्ता संतुलन में बदलाव नई राजनीतिक ताकतों का उभरना: इस साल नई राजनीतिक पार्टियाँ या गठबंधन उभर सकते हैं, जो पारंपरिक दलों को चुनौती देंगे। राज्यों में सत्ता परिवर्तन: कुछ राज्यों में मौजूदा सरकारें गिर सकती हैं, और नए दल सत्ता में आ सकते हैं। सत्ताधारी दल के भीतर मतभेद: पार्टी के भीतर गुटबाजी और विचारधाराओं में टकराव देखने को मिल सकता है। 3. नीति और शासन में नए सुधार आर्थिक और व्यापारिक नीतियों में बदलाव: सरकार नई आर्थिक नीतियाँ ला सकती है, जिससे उद्योग, स्टार्टअप और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। नई शिक्षा और रोजगार नीति: युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव की संभावना है। कृषि और ग्रामीण सुधार: किसानों से जुड़े कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं, जो कृषि क्षेत्र को नए आयाम देंगे। 4. विपक्ष और जन आंदोलनों की नई लहर विपक्ष की भूमिका मजबूत हो सकती है: इस साल विपक्ष सरकार के खिलाफ नए मुद्दे उठाएगा और जनता को संगठित करने की कोशिश करेगा। 5.नए सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन: जनहित के मुद्दों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन या आंदोलन हो सकते हैं। 6.युवा और डिजिटल क्रांति: सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जनता की सक्रिय भागीदारी बढ़ेगी, जिससे राजनीति में पारदर्शिता का दबाव बनेगा। 7.विदेश नीति और सुरक्षा में बदलाव भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत होगी: अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की भूमिका और प्रभाव बढ़ेगा। .रक्षा और आंतरिक सुरक्षा नीतियों में सुधार: आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और सीमा सुरक्षा को लेकर नई रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं। 8.आर्थिक नीतियाँ और राजनीतिक प्रभाव महंगाई और आर्थिक सुधार: आर्थिक मोर्चे पर सरकार नई योजनाएँ लागू कर सकती है, जिससे महंगाई नियंत्रण और व्यापार को बढ़ावा मिल सकता है। 9..कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों से जुड़े मुद्दे इस संवत्सर में महत्वपूर्ण रहेंगे, जिससे कृषि सुधारों पर सरकार का ध्यान रहेगा। 10. पानी में टैक्स और जमीन में बढ़ेगा। लोगों में गंभीरता आना बहुत जरूरी है कर्मों के हिसाब से शनि यहां पर अपना प्रभाव पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों देने वाले हैं । हम शुभ /अशुभ भी समझ सकते हैं अगर आप मंच से उतर रहे हैं तो आप एक अच्छा समय आपके साथ व्यतीत हो सकता है आपने अगर न्याय व्यवस्था अपनी सही रखी है । अगर आपने गलत काम किए हैं तो आप इस समय उस सैया पर हैं जो की मृत्यु की भी मानी जाती है ।10.बारह राशियों के लिए प्रभाव
मेष, सिंह, वृश्चिक – सफलता और उन्नति का वर्ष रहेगा।
मिथुन, तुला, मकर – धन लाभ होगा, लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है।
कर्क, कन्या, कुंभ – मेहनत के अनुरूप परिणाम मिलेंगे, धैर्य रखना जरूरी।
वृषभ, धनु, मीन – उतार-चढ़ाव भरा समय, सावधानी से निर्णय लें। 9. उपाय विक्रम संवत 2082 में लोगों को करने योग्य उपाय
विक्रम संवत 2082 एक महत्वपूर्ण वर्ष रहेगा, जिसमें आध्यात्मिक, ज्योतिषीय और जीवनशैली से जुड़े कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस साल ग्रहों की स्थिति के अनुसार, यदि लोग कुछ विशेष उपाय करें, तो उन्हें शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रह सकती है। चार बड़े ग्रहण का बदलाव राहु केतु गुरु और शनि के कारण से आपको अपने जीवन शैली को भी बदलना होगा।1. ज्योतिषीय उपाय
ग्रहों की शांति के लिए उपाय: शनि की कृपा पाने के लिए – हर शनिवार शनि मंदिर जाएं, तेल का दान करें, जरूरतमंदों की सहायता करें। गुरु ग्रह मजबूत करने के लिए – हर गुरुवार पीले वस्त्र पहनें, केले के पेड़ की पूजा करें, और गरीबों को चने की दाल दान करें। राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए – हर मंगलवार और शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करें और काले तिल का दान करें। लालच से बचे।राशि अनुसार उपाय:
मेष, सिंह, वृश्चिक: सूर्य को अर्घ्य दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। वृषभ, कन्या, मकर: गणपति उपासना करें और बुधवार को हरे वस्त्र पहनें। मिथुन, तुला, कुंभ: मां दुर्गा की आराधना करें और चंद्रमा को जल अर्पित करें। कर्क, धनु, मीन: भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।2. आध्यात्मिक उपाय
ध्यान और योग: रोज़ सुबह और शाम 15-20 मिनट ध्यान करें, इससे मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करें, जिससे शरीर और मन स्वस्थ रहेगा। संयम और संयमित आहार: सात्विक आहार लें – हरी सब्जियाँ, फल, दूध, और हल्का भोजन ग्रहण करें। अधिक तले-भुने और बाहर के खाने से बचें। दान और सेवा: गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और शिक्षा में सहायता करें। प्रत्येक अमावस्या को किसी गरीब को भोजन कराएं और गौ सेवा करें।3. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Tips)
सकारात्मक सोच अपनाएँ: अपने विचारों को शुद्ध और सकारात्मक रखें। नकारात्मक लोगों और स्थितियों से दूर रहें। प्राकृतिक जीवन अपनाएँ: रोज़ सुबह सूर्योदय से पहले उठें और योग करें। घर में तुलसी का पौधा लगाएँ और नियमित रूप से जल दें। व्यवसाय और करियर के लिए अनुशासन और शॉर्ट कट से बचना होगा। इस संवत्सर में सफलता पाने के लिए नियमित मेहनत और अनुशासन बनाए रखें। नए अवसरों को अपनाने के लिए आत्मविश्वास बढ़ाएँ। आपके पास बहुत नेगेटिवटी आ जाएगी आप बहुत फ़सते चले जाओगे आपको खुद को संभालना मुश्किल होगा। लाइफस्टाइल अनुशासन की होना चाहिए हमें आपस में श्रेष्ठ सलाहकार के रूप में बात करके हर क्षेत्र में अपने आप को ध्यान रखना होगा जिससे कि लोग आपस में हर्ट नहीं हो। इस समय कैसा खान पान रखना चाहिए तो हमें अनाज ज्यादा खाना चाहिए हरी सब्जियां ज्यादा। हॉट सेवन से बचना चाहिए।
इस संवत्सर में ग्रहों की स्थिति कुछ चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन यदि आप सही है तो आपको यह साल अच्छा रहेगा। 4. साल के पहले दिन संकल्प लें कि आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएँगे। निष्कर्ष:अगर आप किसी विशेष समस्या या अपने जीवन के किसी क्षेत्र से संबंधित उपाय चाहते हैं, तो बताइए! आचार्या अंजना ज्योतिषविद् 9407555063