शनि प्रदोष का हमारे जीवन पर प्रभाव:
1. कर्मों का फल और बाधा निवारण: शनि देव कर्मों के न्यायाधीश माने जाते हैं। इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन में चल रही कष्ट, रोग, दरिद्रता, शत्रु बाधा और कोर्ट-कचहरी के मामलों में राहत मिल सकती है। 2. न्याय और आत्मनिरीक्षण: इस दिन ध्यान और आत्मचिंतन से व्यक्ति को अपनी गलतियों का बोध होता है और जीवन को सुधारने की प्रेरणा मिलती है। 3. शिव कृपा और शनि शांति: शिव जी को शनि देव का गुरु माना जाता है। इसलिए प्रदोष के दिन शिव पूजन करने से शनि की दशा और साढ़ेसाती का प्रभाव भी कम हो सकता है। शनि प्रदोष के दिन व्रत और पूजा विधि: 1. व्रत रखें: सूर्योदय से लेकर प्रदोष काल (संध्या समय—लगभग सूर्यास्त से 1-1.5 घंटे पहले से) तक व्रत रखें।
2. प्रदोष काल में शिवलिंग पर अभिषेक करें: दूध, जल, शहद, बेलपत्र, धतूरा और चंदन से अभिषेक करें। 3. शनि मंत्र और शिव मंत्र का जाप करें: शनि मंत्र: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” शिव मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” 4. दीप दान करें: शनि देव को तेल और शिव जी को दीपक अर्पण करें। गरीबों को अन्न, वस्त्र या तिल-तेल का दान करें। शनि प्रदोष से संबंधित आहार (Diet): व्रतधारी के लिए: दिन भर फलाहार करें – जैसे केला, सेब, पपीता, और नारियल पानी।
व्रत में यदि अन्न लेना हो तो – सेंधा नमक वाला भोजन करें: जैसे साबूदाना खिचड़ी, समा के चावल, आलू, शकरकंद।तिल और उड़द से बने व्यंजन वर्जित माने जाते हैं, लेकिन कुछ परंपराओं में तिल का सेवन शुभ भी माना जाता है, विशेषकर दान के लिए। पूजा के बाद: प्रसाद में खीर, पंचामृत, फल और मिठाई दी जा सकती है। रात को हल्का भोजन करें और सात्विक रहें। #shaniprdosh#shanidev#sivji#,pradoshkaal#astrologypost#astroanjana#upay#diet#pujanpath# 1. शनि प्रदोष व्रत पूजन विधि (सरल क्रमबद्ध रूप में):
प्रातःकाल की तैयारी: सूर्योदय से पहले उठें, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। व्रत का संकल्प लें: "मैं आज शनि प्रदोष व्रत भगवान शिव और शनि देव की कृपा हेतु करता/करती हूँ।" पूजन सामग्री: सामग्री उद्देश्य जल, दूध, शहद अभिषेक हेतु बेलपत्र, धतूरा शिव अर्पण हेतु दीपक, धूपबत्ती आरती हेतु तिल का तेल शनि देव को अर्पित फल, मिठाई प्रसाद हेतु काले तिल, लौंग शनि पूजा हेतु पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर, घी) अभिषेक हेतुप्रदोष काल पूजा (संध्या के समय):
1. शिवलिंग का अभिषेक करें – जल, दूध, शहद और पंचामृत से। 2. बेलपत्र, धतूरा, सफेद पुष्प अर्पण करें। 3. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप करें। 4. शनि देव की पूजा करें – काले तिल, तेल, नीले फूल अर्पण करें। 5. “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जप करें। 6. दीपदान करें – सरसों के तेल का दीपक पीपल या शिवलिंग के पास जलाएं। 7. शिव और शनि जी की आरती करें।2. पूजन थाली सजावट का चार्ट:
थाली में सामग्री उपयोग 1. रोली / चंदन तिलक के लिए 2. अक्षत (चावल) पूजन के दौरान अर्पण हेतु 3. फूल (सफेद / नीले) अर्पण के लिए 4. बेलपत्र, धतूरा शिवलिंग पर चढ़ाने हेतु 5. धूप / दीप आरती हेतु 6. नैवेद्य (फल, मिठाई) भगवान को भोग लगाने हेतु 7. तांबे या पीतल का लोटा अभिषेक के जल हेतु 8. काले तिल, लौंग शनि पूजा के लिए 9. पंचामृत अभिषेक हेतु