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नक्षत्रों की चाल में राहु का खेल: कुंभ राशि में राहु क्या बदलेगा आपका कल?

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नक्षत्रों की चाल में राहु का खेल: कुंभ राशि में राहु क्या बदलेगा आपका कल?

कुंभ राशि में राहु के तीन नक्षत्रों में गोचर का प्रभाव बहुत गहराई लिए होता है, क्योंकि राहु स्वयं ही भ्रम, छल, टेक्नोलॉजी, असामान्यता और रहस्यों का कारक ग्रह है। जब वह कुंभ में होता है — जो स्वयं एक क्रांतिकारी, वैज्ञानिक और सामाजिक बदलाव की राशि है — तो उसका प्रभाव और भी व्यापक होता है। --- कुंभ में राहु का नक्षत्र परिवर्तन और प्रभाव (2023–2025 कालखंड अनुसार):

धनिष्ठा नक्षत्र (Rahu in Dhanishta)

(कुंभ 0° से 6°40' तक) स्वामी: मंगल प्रभाव: सामाजिक प्रसिद्धि की इच्छा बढ़ती है राहु मंगल स्वभाव के कारण गुस्सा, प्रतिस्पर्धा और तेज निर्णय बढ़ सकते हैं संगीत, मीडिया, फौज, स्पोर्ट्स या टेक्निकल फील्ड में उन्नति लेकिन अहंकार, जल्दबाज़ी और संबंधों में खटास भी संभव   ---

शतभिषा नक्षत्र (Rahu in Shatabhisha)

(कुंभ 6°40' से 20°00' तक) स्वामी: राहु स्वयं प्रभाव: यह राहु का स्व-नक्षत्र है, इसलिए इसका प्रभाव सबसे अधिक होता है तकनीकी खोज, आयुर्वेद, मनोविज्ञान, मेडिकल, ज्योतिष आदि में रुचि रहस्य उजागर होने, धोखा या साजिश की घटनाएं बढ़ सकती हैं व्यक्ति अलग-थलग महसूस कर सकता है मानसिक भ्रम और बेचैनी की अधिकता, लेकिन गहरी अंतर्दृष्टि भी मिल सकती है   ---

पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र (Rahu in Purva Bhadrapada)

(कुंभ 20°00' से मीन 3°20' तक) स्वामी: गुरु (बृहस्पति) प्रभाव: गूढ़ ज्ञान, तंत्र, साधना, और अध्यात्म की ओर झुकाव एकांतप्रियता बढ़ सकती है राहु-जुपिटर मिश्रण मानसिक द्वंद्व और नैतिक भ्रम ला सकता है सही और गलत के बीच संघर्ष अचानक खर्च, धोखा या बेनकाब होने की संभावनाएँ भी   --- सारांश (संकेतात्मक रूप में): नक्षत्र स्वामी प्रभाव का प्रकार धनिष्ठा मंगल ऊर्जा, प्रतिस्पर्धा, प्रसिद्धि, गुस्सा शतभिषा राहु रहस्य, अलगाव, इनोवेशन, भ्रम, विश्लेषण पूर्वा भाद्रपद गुरु अध्यात्म, द्वंद्व, दान, साधना, अंतर्दृष्टि

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