
भारत की कुंडली पर प्रभाव केतु मंगल सिंह राशि में7 जून से 28 जुलाई 2025
7 जून से 28 जुलाई 2025 की अवधि के राजनीति और युद्ध जैसे वैश्विक या राष्ट्रीय मुद्दों पर संभावित प्रभाव** को लेकर है, विशेषकर जब मंगल सिंह राशि में रहेगा। आइए इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करें:
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1. मंगल सिंह राशि में — क्या संकेत देता है?
मंगल एक युद्धकारक, आक्रामक और साहसी ग्रह है। जब यह सिंह राशि (Leo) में आता है — जो कि सूर्य की राशि है और सत्ता, नेतृत्व, अहंकार और शक्ति का प्रतीक है — तब कुछ विशिष्ट संभावनाएँ बनती हैं:
संभावित प्रभाव (राजनीति और युद्ध के लिहाज से):
• सत्ता संघर्ष: विश्व के कई देशों में राजनीतिक उथल-पुथल, तख्तापलट या नेतृत्व परिवर्तन जैसे संकेत मिल सकते हैं।
• युद्ध जैसे हालात: किसी सीमावर्ती क्षेत्र में सैन्य तनाव, सीमा विवाद, या हमले की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।
• कूटनीतिक टकराव: देशों के बीच गंभीर विवाद, विशेषकर गर्व/अहंकार की वजह से।
• नेताओं की बयानबाज़ी तीखी हो सकती है, जिससे संघर्ष की स्थिति और बढ़ सकती है।
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2. अन्य ग्रहों की स्थिति (इस अवधि में):
• केतु में है — यह गुप्त चालों और रणनीति को दर्शाता है।
• राहु राशि में — भावनात्मक उकसावे और भ्रम का वातावरण बना सकता है।
• शनि राशि में — शासन व्यवस्था और सामाजिक ढाँचे पर दबाव।
• गुरु (बृहस्पति)में — अर्थव्यवस्था और वैश्विक संसाधनों पर प्रभाव।
इन सभी का सम्मिलित प्रभाव यह दर्शाता है कि:
यह समय राजनीतिक अस्थिरता, सैन्य हलचल, और विचारधाराओं का टकराव लेकर आ सकता है, विशेषकर वे देश जिनकी कुंडली पर सिंह राशि या मंगल विशेष रूप से प्रभावशाली है (जैसे भारत, अमेरिका, रूस, चीन, इज़राइल आदि)।
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भारत की कुंडली पर प्रभाव (संक्षेप में):
• भारत की स्वतंत्रता की कुंडली (15 अगस्त 1947, रात्रि 00:00, दिल्ली) के अनुसार, मंगल सिंह राशि में होकर दशम भाव (सत्ता, शासन) पर दृष्टि डालता है,
जिससे सरकारी निर्णयों में तीव्रता, सेना की सक्रियता, या बाहरी सीमा पर तनाव हो सकता है।
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निष्कर्ष (7 जून – 28 जुलाई 2025):
• राजनीतिक क्षेत्र में आग उगलने वाली बयानबाज़ी
• सीमा या समुद्री क्षेत्रों में सैन्य हलचल
• कुछ देशों में गृह-कलह या सत्ता परिवर्तन
• सामूहिक उग्र प्रदर्शन या दंगे की संभावनाएँ