व्यापार या स्वरोजगार
हम मुख्य रूप से धन कमाने रोजगार कर लिया जाए या चुन लिया है जिस आपकी आय और आर्थिक लाभ हैं ही नही?
कुण्डली का 11वा भाव आय(आमदनी) का होता हैं।
अब इस भाव का स्वामी और यह भाव किन कार्यो वाले ग्रहों के प्रभाव में है इस भाव का स्वामी किस रोजगार का प्रतिनिधित्व करने वाले भाव में बैठा है उसी रोजगार को करने से अच्छी आय(आमदनी)/अच्छा आर्थिक लाभ होगा जबकि कोई ऐसा रोजगार कर लिया जाए या चुन लिया है जिस रोजगार/काम से आपकी आय और आर्थिक लाभ हैं ही नही तब अच्छी आमदनी के योग होने पर भी मतलब अच्छी कमाई की स्थिति होने पर भी आमदनी में कमी रहेगी, जबकि जिस तरह के रोजगार से आय/आमदनी लिखी है उस रोजगार को करने से त चुनने से अच्छी आय होगी और धनलाभ ज्यादा से ज्यादा मात्रा में होगा।
जब तक जिस क्षेत्र से आमदनी और रोजगार कुंडली मे ग्रहों ने निर्धारित कर रखा है उस क्षेत्र से सम्बन्धी रोजगार और आय लाभ का काम न कर लिया जाए, अब किस क्षेत्र और किस रोजगार(कौनसे व्यापार/कौनसी नोकरी)से अच्छी आय होगी यह सब जातक/जातिका की कुंडली का 11वा भाव और इसका स्वामी बताएगा।इस नो तरह अच्छी और अधिक से अधिक आमदनी हो इसके लिए जिस क्षेत्र से आय/आमदनी के अच्छे रास्ते ग्रहों के बना रखे वही रोजगार अपनाकर कार्य(व्यापार/नोकरी)करने पर अच्छी कमाई होगी।।
कुंभ लग्न
कुंडली मे 11वे भाव(आय/आमदनी) का स्वामी बृहस्पति होता है साथ ही यही बृहस्पति यहाँ धन स्वामी भी होता है दूसरे भाव का स्वामी होने से तो मुख्य रूप से यहाँ धन और आय(आमदनी)बृहस्पति पर निर्भर है अब बृहस्पति यहाँ सातवे भाव मे 5वे भाव मे बैठ जाये तो 5वा भाव मनोरंजन के क्षेत्र जैसे फ़िल्म उधोग, सिनेमा, एजुकेशन मतलब कोई इंस्टिट्यूट या स्कूल ,स्टेशनरी के काम आदि से अच्छी आय(आमदनी)होगी जबकि व्यक्ति यहाँ ऐसे काम करे या क्षेत्र में चला जाये जिससे आय और रोजगार के अच्छे कमाई के योग ही नही है तब यहाँ अच्छी कमाई अच्छे रोजगार योग होकर भी आमदनी नही हो पाएगी,क्योंकि उस रोजगार से अच्छी आय ग्रहो न लिखी। ही नही है जो जातक/जातिका रोजगार/व्यापार या नोकरी कर रहे है।।
वृष लग्न
वृष लग्न मे 11वे भाव आय/आमदनी का स्वामी बृहस्पति होता है अब बृहस्पति यहाँ चौथे भाव मे बैठ जाये जो कि सिंह राशि का स्वामी होकर बैठेगा तो चौथे भाव सम्बन्धी कार्यो जैसे प्रॉपर्टी(जमीन/मकान) का काम, दूध का काम, जनता से सम्बंधित कार्यो आदि से जातक को अधिक आर्थिक लाभ होगा क्योंकि आय का स्वामी चौथे भाव मे बैठा है और चौथा उपरोक्त सहित जिन जिन कार्यो का प्रतिनिधित्व करता है उस कार्यो से अधिक आर्थिक लाभ होगा।।
मिथुन लग्न
कुंडली मे 11वे भाव(आय/आमदनी) का स्वामी मंगल बनता है अब मंगल यहाँ दूसरे भाव मे जाकर रोजगार स्वामी बृहस्पति के साथ बैठ जाये तब यहाँ ऐसे जातक/जातिका को जो रोजगार दूसरे भाव के अधिकार में आते है जैसे खाने-पीने का/होटल, रेस्टोरेंट का काम, बोलने का काम जहाँ हो, बैंक जॉब, फाइनेंस के काम आदि से ज्यादा से ज्यादा आमदनी होगी क्योंकि दूसरे भाव मे आय स्वामी मंगल बैठा है रोजगार स्वामी के साथ इस कारण दूसरे भाव सम्बन्धी कार्यो को जातक/जातिका करे तो बहुत ज्यादा अच्छी मात्रा में आय और आर्थिक लाभ जातक कमाएंगे।।
आय के अच्छी स्थिति होने पर भी, रोजगार की अच्छी स्थिति होने पर भी आर्थिक लाभ और आमदनी क्यों नही हो पा रही है और कैसे अच्छी आमदनी होगी।
जब अच्छी आय और अच्छे रोजगार की स्थिति होने पर भी आय और अच्छी कमाई नही हो पा रही है तो कही न कही गलत व्यवसाय/नोकरी और आय के रास्ते का चुनाव कर रखा है।कैसे उदाहरण से समझते है।