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अक्षय पुण्य पुरूषोत्तम मास मे क्या है??

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अक्षय पुण्य पुरूषोत्तम मास मे क्या है??

जीवन में पुण्य और लाभ पाने के लिए हर मनुष्य कई धर्म-कर्म करता है। शास्त्रों में ऐसे कई कामों के बारे में बताया गया है, जिन्हें करने से मनुष्य को पुण्य मिलता है। गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी भी चीजें बताई गई हैं, जिन्हें केवल देख लेने से ही मनुष्य को पुण्य और लाभ की प्राप्ति हो जाती है।

श्लोक-
गोमूत्रं गोमयं दुन्धं गोधूलिं गोष्ठगोष्पदम्।
पक्कसस्यान्वितं क्षेत्रं द्ष्टा पुण्यं लभेद् ध्रुवम्।।

1. गोमूत्र:

गोमूत्र को बहुत ही पवित्र माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार गोमूत्र में मां गंगा का वास होता है। गोमूत्र को औषधि के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इस से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। गोमूत्र को धारण करने मनुष्य की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, लेकिन गरुड़ पुराण के अनुसार गोमूत्र को केवल देख लेने से ही मनुष्य को पुण्य और लाभ की प्राप्ति हो जाती है।

 

2. गोबर:
गाय हिंदू धर्म में पूजनीय है। शास्त्रों में गाय को भगवान के समान माना जाता है। गाय के गोबर का भी बहुत महत्व है। किसी भी स्थान को पवित्र करने के लिए गाय का गोबर का प्रयोग किया जाता है। यदि मनुष्य पवित्र भावना से गाय के गोबर को मात्र देख ले तो ही उसे पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।

 

3. गोशाला:

जिस स्थान पर गायों को रखा जाता है, उसे गोशाला कहते हैं। गोशाला भी मंदिर के समान पवित्र और पूजनीय होती है। जो मनुष्य रोज गोशाला जाकर गायों की सेवा करता है, उसे निश्तिच ही भगवान कृष्ण के धाम गोलोक की प्राप्ति होती है। जो मनुष्य परिस्थितियों की वजह से गोशाला में सेवा न भी कर सके, वह अगर पवित्र मन से गोशाला के दर्शन मात्र कर ले तो भी उसे पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।

 

4. पकी हुई खेती:

फसलों से भरे हुए खेत देखना हर किसी को पसंद होता है। हरे-भरे खेतों को देखकर मन को शांति मिलती है। फसलों से भरे हुए खेत केवल सुंदरता ही नहीं पुण्य के भी प्रतीक होते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, पकी हुई फसलों से भरे हुए खेत को देखने से मनुष्य पुण्य और लाभ मिलता है।

 

5. गोदुग्ध:

गाय के दूध के कई फायदे होते हैं। गाय का दूध कई रोगों के लिए दवाई का काम भी करता है। कलियुग में गाय का दूध भी अमृत के समान बताया गया है। जो मनुष्य गाय को दूध लेते ,पीते, उसे निश्चित ही शुभ फल मिलता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

6. गोधूली:

कई बार गाय अपने पैरों से जमीन को खुरचती है। ऐसा करने पर जमीन से जो धूल निकलती है, उसे गोधूली कहते है। कहा जाता है गाय के पैरों से खुरची हुई धूल भी पवित्र हो जाती है। गोधूली को देख लेने मात्र से ही मनुष्य को कई गुना पुण्य मिल जाता है।

 

7. गोखुर:

गाय अपने पैर के खुर (तले) से जमीन को खुरचती है, उसे ही गोखुर कहते है। गाय के पैरों को तीर्थ के समान माना जाता है। किसी भी शुभ काम पर जाते समय अगर गाय के पैरों के दर्शन कर लिए जाए, तो काम में सफलता जरूर मिलती है। गाय के पैरों के दर्शन करना भी पुण्य और लाभ पाने का आसान उपाय है।

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