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Cancer

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कर्क CACER

( ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो )

शुभरंग👉 क्रीम, शुभ अंक👉

, शुभ धातु👉 चाँदी,

शुभरत्न👉 मोती

, शुभदिन👉 सोमवार

, शुभ तारीख 👉 2, 11, 20, 29।

मित्र राशि 👉 वृश्चिक, मीन, तुला।

शत्रु राशि 👉 मेष, सिंह, धनु, मिथुन, मकर, कुम्भ।

ईष्ट भगवान👉 शंकर,

।सकारात्मक तथ्य 👉 कल्पनाशील, योजनाये बनाने वाला, वफादार।

नकारात्मक तथ्य 👉 अक्षमाशील, सदा बीमार, द्वेषी।

स्वभाव - चर
तत्त्व - जल
त्रिदोष - कफ
लिंग - स्त्री
दिशा - उत्तर
अंग - वक्ष स्थल
स्वामी - चंद्र

 

 शारीरिक

कर्क प्रधान व्यक्ति शारीरिक रूप से सुंदर होते हैं । शरीर गौर वर्ण होता है । सुंदर मुस्कुराहट युक्त इनका व्यक्तित्व सहज ही आकर्षक होता है। घने लंबे काले बाल , उन्नत ललाट , तीखी और नुकीली नासिका , पतले और सुंदर होंठ , रहस्यमई मुस्कान इनके व्यक्तित्व में आकर्षण उत्पन्न करते हैं । लंबी भुजाएं , चौड़ा सीना और आत्मविश्वास युक्त हृदय से यह सहज ही लोगों के प्रिय पात्र बन जाते हैं । कद मझोला एवं शारीरिक गठन कोमल होता है । कर्क लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वभाव से सहिष्णु और सहनशील होते हैं । अपने ऊपर होते हुए अत्याचारों को भी जानबूझकर सहन करते रहते हैं । ऐसे व्यक्ति अत्यंत कोमल , मधुर , सहिष्णु , विनम्र और भावुक होते हैं । ऐसे व्यक्ति शारीरिक श्रम की अपेक्षा मानसिक श्रम में ज्यादा विश्वास करते हैं । अंतर्मन की हीनता की भावना भी प्रबल होती है ।

मानसिक

जरा सी कोई कार्य जो इनके रुचि के विपरीत हो जाए तो यह हीनता का शिकार हो जाते हैं । दुःख पीड़ा को बहुत अधिक घटा बढ़ा कर देखना इनका स्वभाव होता है । शैक्षणिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में यह लोग अधिक सफल होते हैं । भावुकता के कारण कई बार स्वयं की हानि भी कर लेते हैं । ऐसे व्यक्तियों का बाल्यकाल सुखद कहा जा सकता है । यौवन काल में उन्हें कठोर संघर्ष करना पड़ता है । फिर भी यह धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते रहते हैं एवं अपने मंजिल पा लेते हैं ।

व्यक्तित्त्व 

अध्ययन प्रिय, जल प्रिय, कुशल प्रबंधक, भावुक भचक्र में चौथी राशि जिसका स्वामी चंद्र है। इन जातकों में चंचलता अधिकता रहती है तथा विचारों में स्थायित्व नहीं रह पाता जिस कारण निर्णयों में देरी होती है। किन्हीं मामलों में स्पष्टता सैद्धांतिक जीवन-यापन होता है। इस राशि के लोग बहुत ही साथ देने वाले होते हैं, फिक्र करने वाले होते हैं, प्रेम करने वाले होते हैं. सीधे होने के कारण ऐसे लोग ठगे भी जाते हैं. अगर कोई इनकी मदद मुसीबत में कर दे तो ये कभी भी उनका साथ नहीं छोड़ते हैं। लेकिन ये अवसरवादी प्रवृत्ति नहीं रखते। व्यवहार भी साफ-सुथरा, स्पष्टवादी व जैसे को तैसा रखते हैं। दूसरों के व्यवहार, घटनाओं का मानसिक प्रभाव बना रहता है जिससे चिड़चिड़ाहट, पश्चाताप बनता है। प्रेम-सौहार्द, भावुकता का दूसरे लोग गलत लाभ लेते हैं जिससे जीवन में कटु अनुभव आते हैं। कर्क जातक का बचपन थोड़ा कठिनाईयों भरा होता है किन्तु मध्यावस्था में वे सफ़लता अर्जित करते हैं। जातक थोड़े उत्तेजनात्मक स्वभाव वाले होते हैं।

वे जितनी शीघ्रता से क्रोधित होते हैं उतनी ही शीघ्रता से शान्त हो जाते हैं।कर्क जातकों की प्रवॄति और स्वभाव समझने के लिये हमें कर्क के एक विशेष गुण की तरफ ध्यान देना होगा, कर्क केकडा जब किसी वस्तु या जीव को अपने पंजों के जकड लेता है, तो उसे आसानी से नही छोडता है, भले ही इसके लिये उसे अपने पंजे गंवाने पडें. कर्क जातकों में अपने प्रेम पात्रों तथा विचारोम से चिपके रहने की प्रबल भावना होती है, यह भावना उन्हें ग्रहणशील, एकाग्रता और धैर्य के गुण प्रदान करती है, उनका मूड बदलते देर नही लगती है, उनके अन्दर अपार कल्पना शक्ति होती है, उनकी स्मरण शक्ति बहुत तीव्र होती है, अतीत का उनके लिये भारी महत्व होता है, कर्क जातकों को अपने परिवार में विशेषकर पत्नी तथा पुत्र के के प्रति प्रबल मोह होता है, उनके बिना उनका जीवन अधूरा रहता है, मैत्री को वे जीवन भर निभाना जानते हैं,

अपनी इच्छा के स्वामी होते हैं, तथा खुद पर किसी भी प्रकार का अंकुश थोपा जाना सहन नहीं करते, ग्रह स्थिति शुभ होने पर अधिकांश मामलों में ये ऊंचे पदों पर पहुंचते हैं और भारी यश प्राप्त करते हैं, वो उत्तम कलाकार, लेखक, संगीतज्ञ, या नाटककार बनते हैं, कुछ व्यापारी या उत्तम मनोविश्लेषक बनते हैं, अपनी गुप्त विद्याओं धर्म या किसी असाधारण जीवन दर्शन में वो गहरी दिलचस्पी पैदा कर लेते हैं।कर्क जातक बडी बडी योजनाओं का सपना देखने वाले होते हैं, परिश्रमी और उद्यमी होते हैं उनको प्राय: अप्रत्यासित सूत्र या विचित्र साधनों से और अजनबियों के संपर्क में आने से आर्थिक लाभ हो सकता है

कर्क  प्रधान व्यक्ति कल्पनाशील होते हैं । यह सैकड़ों योजनाएं बनाते हैं और मिटाते हैं । इस प्रकार के व्यक्ति सफल कवि और कहानीकार बन जाते हैं । योजना बनाने से संबंधित कार्यों में भी यह लोग सफल होते हैं । परिवारिक जीवन इनका सामान्य कहा जा सकता है । इन्हें बच्चों एवं पत्नी से गहरा प्रेम होता है । दांपत्य जीवन सुखी नहीं रहता है , फिर भी स्त्री एवं बच्चों पर अपनी जान छिड़कते हैं ।

बातचीत में ऐसे जातक पटु होते हैं । किस प्रकार से बात करना , सामने वाले पक्ष को किस प्रकार प्रभावित करना और उन्हें अपने समूह में बांध देना यह कला इन्हें आती है और इनका यह जीवन में भरपूर उपयोग करते हैं । इन लोगों के अपने सिद्धांत होते हैं । स्वयं की एवं निश्चित कार्यप्रणाली होती है तथा जो सिद्धांत अपना लेते हैं उन पर दृढ़ता से गतिशील रहते हैं । समय पड़ने पर यह टूट सकते हैं पर झुकना नहीं जानते । ऐसे व्यक्ति ईमानदार होते हैं । न्याय के लिए यह प्रसिद्ध होते हैं । कई बार ऐसे व्यक्ति न्यायाधीश भी होते हैं ।

कर्क लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति अक्सर नेता होते हैं । कर्क लग्न पर या चंद्रमा पर राहु , शनि , केतु का प्रभाव होने से मानसिक समस्या बहुत ज्यादा होती है । दिमाग अस्थिर रहता है । मंगल एवं चंद्रमा का संबंध बहुत अच्छा होता है । परंतु यदि इस पर राहु , केतु , शनि की दृष्टि पड़ जाए या प्रभाव रहे तो पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है ।

♦️ लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों के प्रभाव के कारण राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं उसमें परिवर्तन हो जाते हैं , परंतु उस राशि का जो मुख्य स्वभाव होता है वह अवश्य व्यक्ति के अंदर विराजमान होता है ।

कर्क राशि: कर्क राशि के स्वामी चंद्र है और वह व्यक्ति के कलेश आदि को सूचित करता है अतः कलेश ही प्रमुख शारीरिक समस्या होती है यदि वे अपने मन को नियंत्रण में रखें तो उचित आहार यथोचित शारीरिक सावधानी आदि की सहायता से अपने शरीर को नियंत्रण में रख सकते हैं| वे बहुत कष्ट पाते हैं और सहन भी करते हैं उन्हें अपने द्रव्य प्रेम को मध्य जैसे द्रव्यों की अधिकता तक नहीं ले जाना चाहिए| उन्हें अस्थमा, वायु विकार और दुर्बल पाचन शक्ति के प्रति सचेत रहना चाहिए गले की सावधानी रखनी चाहिए |सदा जीवन सर्वोत्तम प्रतिबंधक है अपनी प्यास मध्य के वनस्पत जल से बुझानी चाहिए |कुछ गठियाबाद और साइटिका से पीड़ित होते हैं विदेश में या यात्रा के दौरान गिरने या पशुओं द्वारा आघात लगने के खतरे के भी संकेत मिलते हैं|

रोग,: दोनों फेफड़ों में रोग , फ्लू, खासी,अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, पार्श्वशूल, क्षय रोग, कंठ नली मे तकलीफ, उदर, अजीणृ, जलोदर, बैरी-बैरी, नाडी मंडल की दुबृलता, त्रास, पीलिया, पित्त मे रुकावट, पित्ताशय की पथरी, हंसुली के नीचे सीने पर जलने का निशान|

कर्क लग्न में ग्रहों का महत्व

सूर्य

आपकी कुंडली में धन एवं कुटुम्ब के स्वामी होते हैं । सूर्य बलवान हो तो राज्य में अधिकार प्राप्त होत है । सूर्य अपनी दशा में धन , एवं कुटुम्ब का श्रेष्ठ सुख देते हैं । सूर्य मारकेश नहीं होते हैं ।

चंद्रमा

आपकी कुंडली में शारीरिक स्वास्थ्य , आयु , सौंदर्य एवं उन्नति के कारक होते हैं। चंद्रमा आपकी कुंडली में कारक होते ।

मंगल

आपकी कुंडली में विद्या , बुद्धि , संतान , राज्य , रोजगार एवं पिता के स्वामी होते हैं। मंगल आपकी कुंडली में राजयोग कारक ग्रह होते हैं । मंगल आपकी कुंडली में प्रबल कारक ग्रह होते हैं ।

बुध

आपकी कुंडली में छोटे भाई – बहन , पराक्रम , बाहरी स्थानों से संपर्क एवं खर्च के कारक होते हैं । बुध आपकी कुंडली में अकारक ग्रह होते हैं ।

गुरु

आपकी कुंडली में भाग्य , धर्म , उच्च शिक्षा , रोग एवं शत्रु के स्वामी होते हैं । गुरु आपकी कुंडली में कारक एवं सामान्य अकारक होते हैं ।

शुक्र

आपकी कुंडली में माता , भूमि , भवन , घरेलू सुख एवं आमदनी के स्वामी होते हैं। शुक्र आपकी कुंडली में सामान्य ग्रह होते हैं । परंतु निर्बल होने से भूमि भवन धन एवं आमदनी में कमी होती है ।

शनि

आपकी कुंडली में पत्नी , दैनिक व्यवसाय एवं आयु के स्वामी होते हैं । शनि आपकी कुंडली में अकारक होते हैं परंतु ज्यादा कमजोर हो जाए तो पत्नी के स्वास्थ्य एवं आयु में हानि करते हैं ।

सन 2024 मे कर्क राशि जातको का स्वास्थ्य

इस वर्ष शनि आपके अष्टम भाव में रहेगा। जिसके कारण आपके ऊपर अढइया का प्रभाव रहेगा। थोड़ी सी गलतियों के कारण कोई रोग जन्म ले सकता है। शनि की द्वितीय भाव, पञ्चम भाव और दशम भाव में दॄष्टि के कारण पेट और सिरदर्द की समस्या होती रहेगी। जून 2024 में शनि की वक्री स्थिति के कारण ये समस्या बढ़ेगी। 15 मार्च से 23 अप्रैल के बीच शनि के ऊपर से मंगल का गोचर बवासीर के रोगियों को कष्ट देगा। इस दौरान आपको अग्नि से भी बचना चाहिये। इस वर्ष आप भोजन की शुद्धता का ध्यान रखें। वर्ष के अन्त में आपको स्वास्थ्य लाभ हो सकता है।

आर्थिक स्थिति

इस वर्ष शनि की दॄष्टि धन स्थान पर पड़ती रहेगी। जिसके कारण आपको आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। गुरु दशम भाव में अप्रैल 2024 तक रहेंगे जिसके कारण यह पूरा समय धन के लिये सुखद नहीं रहेगा। जनवरी से अप्रैल के बीच आपको व्यापार में धन हानि होने की आशंका है। हालाँकि आप लोगों की मदद करने से पीछे नहीं हटेंगे। विवादित मामलों पर धन खर्च करने से आपको बचना चाहिये। अप्रैल से जून के बीच आपको व्यवसाय में धन लाभ होगा। कमीशन और शेयर मार्केट में निवेश से अच्छा आर्थिक लाभ मिलेगा। वर्ष की अन्तिम तिमाही अच्छी रहेगी।

पारिवारिक एवं सामाजिक

जनवरी से अप्रैल के बीच का समय परिवार के लिये काफी शुभ रहने वाला है। मई माह के बाद जब बृहस्पति का गोचर वृषभ में होगा तब पिता की सेहत का ध्यान देना होगा। गुरु की दॄष्टि के कारण परिवार में समृद्धि रहेगी। वाहन और सम्पत्ति लाभ से आपका मन प्रसन्न रहेगा। मई माह में गुरु के गोचर परिवर्तन के बाद परिवार में कुछ मांगलिक कार्यक्रम हो सकते हैं। बच्चों को करियर में उत्तम सफलता मिलेगी। कड़वी भाषा प्रयोग करने से आपके सम्बन्ध खराब हो सकते हैं।

दाम्पत्य जीवन

इस वर्ष आपको काफी परिपक्वता से अपने रिश्तों को सम्भालना होगा। शनि देव की अष्टम भाव में स्थिति के कारण परेशानियाँ जन्म ले सकती हैं। फरवरी से अप्रैल के बीच जीवनसाथी से काफी झगड़े हो सकते हैं। इसीलिये इस दौरान धैर्यपूर्वक चलना हितकर होगा। बाद में मई में गुरु के गोचर परिवर्तन के बाद नये प्रेम-सम्बन्धों के योग बन रहे हैं। हालाँकि शनि की दॄष्टि के कारण प्रेम-सम्बन्धों में कई बार गलतफहमी का सामना करना पड़ सकता है। विवाह योग्य जातको का विवाह वर्ष के अन्त में हो सकता है। अक्टूबर के बाद विवाह सुख में वृद्धि होगी।

शिक्षा और करियर

व्यवसाय में नये साझेदार जुड़ सकते हैं। और आपको पार्टनरशिप के माध्यम से काफी लाभ भी होगा। वर्ष का शुरुआती भाग आपके लिये काफी नकारात्मक रहने वाला है। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई से उचट सकता है। मई मास के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को इस वर्ष सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। लम्बे समय से तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिये वर्ष बहुत अच्छा है। वकालत, मेडिकल और माइनिंग क्षेत्र से जुड़े कारोबार में बड़ा लाभ होगा। नवम भाव का राहू विदेश जाकर शिक्षा लेने के लिये काफी शुभ रहेगा।कुल मिलाकर कर्क राशि जातको के लिए 2024 एक महत्वपूर्ण वर्ष होगा जो विभिन्न स्तरों पर बदलाव और समृद्धि के साथ आपके जीवन में आएगा। यह वर्ष आपके लिए संघर्ष और सफलता का समय होगा। इस वर्ष आपको धन, प्रेम, स्वास्थ्य, परिवार और आजीविका के क्षेत्र में सुखद और सार्थक अनुभव होंगे। इस वर्ष के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझते हैं :-2024 कर्क राशि के लिए एक उत्कृष्ट वर्ष होगा जहां आपको प्रेम, परिवार, धन और आजीविका क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होगी। आपका अनुभव स्थायी और सुखद रहेगा और आप व्यक्तिगत और व्यापारिक मामलों में प्रगति करेंगे। परिवार के साथ मधुर संबंध बनाए रखने का समय होगा और आपके प्रेम संबंध और व्यावहारिक परियोजनाओं में वृद्धि होगी। यह साल आपके लिए विभिन्न ताकतों, अवसरों और संघर्षों का समय होगा, जो आपको मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाएगा।

उपाय

(1) प्रत्येक शनिवार को शनि स्तोत्र का पाठ करें और सरसों के तेल का दीपक लगायें।

(2) वर्ष पर्यन्त संकल्पपूर्वक मंगलवार का व्रत रखकर प्रसाद चढ़ाना शुभ रहेगा।

(3) 'पितृ-सूक्त' का पाठ करें। विशेषकर उन जातकों को, जिनकी कुण्डली में 'पितृ-दोष' हो।

(4) वर्षभर कृष्णपक्ष के शनिवार से प्रारम्भ लगातार 7 शनिवार सूखे नारियल को तेल का टीका लगाकर काली डोरी लपेटकर अपने सिर से 3 बार छुआकर शनि का बीज मन्त्र पढ़ते हुए। शाम के समय चलते पानी में बहा देवें

(5) श्रीगणेशजी, गायत्री की उपासना करें। नैसर्गिक पौधारोपण, अन्नदान करते रहें। राहत-विश्वास का अनुभव आएगा।

6}* प्रदोष व्रत व प्रदोष के दिन अभिषेक करवाने से लाभ होगा, शिवचालीसा पढ़ना लाभकारी होगा।

 

 

मीन मे राहु गोचर (कर्क राशि का फल)
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30 अक्टूबर को राहु आपकी राशि से नवम भाव में आकर आपके भाग्य स्थान को प्रभावित करेंगे। गंगा स्नान और लम्बी यात्राओं के योग बनेंगे। विदेश जाने की संभावना जागृत करेंगे और इस दिशा में अभी आपने प्रयास किया है तो आपको सफलता भी दिलाएंगे लेकिन इस दौरान आपके पिताजी से आपके संबंध बिगड़ सकते हैं और उनकी सेहत में भी गिरावट आ सकती है। इसका आपको ध्यान रखना होगा।

कर्क राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपके नवम भाव यानी कि धर्म के भाव से होगा। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके लग्न भाव, तृतीय भाव और पंचम भाव पर होगी। राहु के इस गोचर के कारण आपको अपने कार्यों को सफल करने के लिए अत्यधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। राहु जब भी नवम भाव से गोचर करते हैं तो व्यक्ति का जीवन एक आध्यात्मिक बदलाव से होकर गुजरता है। इस समय आपके कार्यों में हो सकता है कि कठिनाई और परेशानी आए लेकिन जैसे सोना तपकर निखरता है ठीक वैसे ही राहु भी आपको कठिनाइयों से निकलकर सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा जाएंगे।

राहु के इस गोचर काल में आपकी संगत कुछ गलत लोगों की हो सकती है इसलिए सज्जनों की संगति करें और अपने आसपास के माहौल पर नजर बना कर रखें। किसी भी मित्र पर अत्यधिक भरोसा करना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इस गोचर कल में आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। यात्राओं से आपको लाभ होगा ,जनसंचार से जुड़े मामलों में फायदा होगा और शेयर मार्केट में भी आप अच्छा पैसा बनाने में सफल रहेंगे। जो छात्र रिसर्च में लगे हुए हैं उनके लिए भी राहु सफलता के नए रास्ते खोलने वाला होगा।

विदेश यात्राओं के योग भी बन रहे हैं। आपको काम के सिलसिले से कई बार विदेश जाना पड़ सकता है। इस समय आपको अपने भाग्‍य का भी साथ मिलना शुरू हो जाएगा।

मई 2024 में बृहस्‍पति वृषभ राशि में गोचर करेंगे जिससे कर्क राशि के जातकों को कई तरह के लाभ प्राप्‍त होंगे। राहु गोचर 2024 कहता है कि बृहस्‍पति के चंद्र राशि से ग्‍यारहवें भाव में होने पर आपको अच्‍छे परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। बृहस्‍पति की राशि मीन में होने की वजह से राहु भी बृहस्‍पति जैसे प्रभाव ही देंगे। मई, 2024 से राहु आपको शुभ परिणाम देना शुरू करेंगे। राहु के गोचर के दौरान आपको विदेशी स्रोत से ज्‍यादा पैसा कमाने का मौका मिलेगा। हालांकि, इस समय आपके खर्चें भी बढ़ जाएंगे और आपको अपने पिता की सेहत पर भी पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।

उपाय👉 आपको गली के कुत्तों को दूध और बिस्किट खाने को देना चाहिए।

केतु का कन्या मे गोचर (कर्क राशि का फल)
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30 अक्टूबर को होने वाला केतु गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में आकार लेगा। यह गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि तीसरे भाव में केतु का गोचर अनुकूल माना गया है। केतु न केवल आपके साहस और पराक्रम में बढ़ोतरी करेगा जिससे आप जोखिम उठाकर भी अपने व्यापार को आगे बढ़ाकर अच्छी सफलता प्राप्त कर पाएंगे बल्कि यह आपको अपने भाई बहनों से संबंधित कुछ ऐसे प्रभाव भी देगा, जो आप नहीं समझ पाएंगे। आपकी उनसे कहासुनी होने की स्थिति भी बनेगी और उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। फिर भी आप उनसे जुड़े रहेंगे। कार्यक्षेत्र में आपके विरोधियों की हार होगी। आपको आर्थिक रूप से लाभ प्राप्त होंगे और यह समय आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएगा। केतु आपको आगे बढ़ने के लिए मौके प्रदान करेंगे। यदि आप एक खिलाड़ी हैं तो यह समय और भी ज्यादा लाभदायक रहेगा और आपको अपनी प्रतिभा को निखारने और आगे बढ़ाने का पूरा मौका प्राप्त होगा। इस दौरान संपत्ति के क्रय-विक्रय से भी आपको लाभ हो सकता है। आप किसी गंभीर चिंतन पर भी आगे बढ़ सकते हैं।

केतु गोचर 2024 के दौरान केतु के तीसरे भाव में होने की वजह से यह गोचर काल आपके लिए फलदायी और लाभकारी साबित होगा। आपको अपने प्रयासों में अच्‍छी सफलता मिलने की संभावना है। केतु के इस गोचर और केतु के तीसरे भाव में होने से आपको अपने करियर में शानदार सफलता मिलेगी। आप जो भी प्रयास करेंगे, उसमें आपको निश्‍चित ही सफलता प्राप्‍त होगी।

इस गोचर के दौरान आपको विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है और ये अवसर आपके विकास को बढ़ावा देने का काम करेंगे। केतु के कन्‍या राशि में गोचर करने पर आपको नौकरी के नए अवसर भी प्राप्‍त होंगे और इन अवसरों को पाकर आप काफी संतुष्‍ट महसूस करेंगे। केतु के तीसरे भाव में होने पर आप काफी साहसी, निडर और दृढ़ निश्‍चयी बनेंगे।

मई, 2024 के बाद बृहस्‍पति गोचर करेंगे और उनकी दृष्‍ट केतु पर रहने वाली है। इससे आपको मई के महीने के बाद अच्‍छे परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। आपके जीवन में कोई सकारात्‍मक बदलाव आने की भी संभावना है। इस गोचर के प्रभाव से आपको अपने करियर में भी प्रगति मिलेगी और आपकी आय में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा आपके जीने का तरीका भी बेहतर होगा।

तीसरे घर में केतु गोचर आपके भाई बहनों के साथ आपके रिश्ते को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही 2024 केतु गोचर से आपकी रुचि या आदतें और आत्मविश्वास भी प्रभावित होने वाला है। इस दौरान आपका साहस और आक्रामकता बढ़ने वाली है। आप अपने चचेरे भाई बहनों या करीबी दोस्तों से अलगाव महसूस कर सकते हैं। आपकी संचार क्षमता प्रभावित होने वाली है और आप इस अवधि में कम बोलना पसंद करेंगे। हालांकि आपके सीमित शब्द या कम शब्द ज्ञान और बुद्धिमत्ता से भरपूर रहने वाले हैं।

हालांकि यह समय उन जातकों के लिए बेहद ही शुभ साबित होगा जो उपदेशक, शिक्षक, गुरु, मार्गदर्शक या सलाहकार हैं। साथ ही आप अपनी उच्च शिक्षा पर भी कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा यह समय उन छात्रों के लिए भी अनुकूल साबित होगा जो उच्च शिक्षा की तैयारी कर रहे हैं या मनोविज्ञान, दर्शन शास्त्र, आदि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।

1 मई 2024 के बाद केतु और आपके तीसरे घर पर बृहस्पति की दृष्टि के साथ केतु के अशुभ प्रभाव के चलते आप अपने छोटे भाई बहनों के साथ आ रही समस्याओं में थोड़ी राहत महसूस करेंगे और उनके साथ चल रही परेशानियों को हल करने में कामयाब रहेंगे। इसके अलावा आप अपने पिता, गुरु, शिक्षक की सहायता और आशीर्वाद से ज्ञान, बुद्धि, साहस और आत्मविश्वास जैसी सकारात्मकता अपने जीवन में बढ़ती हुई महसूस कर पाएंगे।

उपाय👉 मंगलवार के दिन मंदिर में तिकोना लाल झंडा दान करें।

 

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