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कलर थैरेपी

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कलर थैरेपी

जन्म से लेकर मृत्यु तक रंग हमारे जीवन का अहम हिस्सा है एक बच्चा भी रंगीन खिलौने पसंद करता है हमारे देश की संस्कृति में भोजन की थाली तिलक से लेकर वास्तु धातु पोशाक सभी विभिन्न संस्कृतियों के रंग बिखरे पड़े हैं सूर्य के प्रकाश से सूर्य के सात घोड़े सात रंगों को हर रंग की अलग-अलग फ्रीक्वेंसी होते हैं जो कि हमारी आंखों से अलग अलग दिखाई देते हैं अलग-अलग रंगों की तरंगों का मानव शरीर व मस्तिष्क पर अलग-अलग प्रभाव है।

 

शरीर में कुल मिलाकर पांच तत्व और तीन धातुएं होती हैं. ये पांचों तत्व और तीनों धातुएं 9 ग्रहों से नियंत्रित होती हैं. |छोटी हो या बड़ी, हर बीमारी इन 9 ग्रहों से संबंध रखती है.

 

पुणे पौराणिक ग्रंथों में श्री कृष्ण राम पीले वस्त्र मां भगवती लक्ष्मी लाल साड़ी सरस्वती सफेद वस्त्र साधु सन्यासी भगवा,डॉक्टर सफेद , वकील काले रंग का वास्तव में इन सब के पीछे रंगों का भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म  की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहाँ पर मनाये जाने वाले सभी त्यौहार व्यावहारिक और वैज्ञानिक तौर पर खरे उतरते है!

 

सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में विविध प्रकार के रंग समाहित हैं। इस पंचभूत शरीर में भी कई तरह के रंगों का मिश्रण है। नवग्रह व बारह राशियां भी विविध प्रकार के रंगों व तत्वों की होती हैं। रंगों का मनोवैज्ञानिक संकेतिक अर्थ होता हैl

 

जैसे- सूर्य का रक्त (लाल) वर्ण, नारंगी व सुनहला तथा चंद्रमा का सफेद, मंगल का लाल, बुध का हरा, शुक्र का रंग सफेद, बृहस्पति (गुरु) का पीला, शनि का काला , राहु का नीला और केतु का रंग चितकबरा होता है। रंगों का मनोवैज्ञानिक संकेतिक अर्थ होता हैl

 

 

रंग और ग्रहों का संबंध----

 

हीलींग में कारगर होती है कलर थैरेपी

शारीरिक मानसिक आध्यात्मिक समस्याओं का निदान होतारंगों का ज्योतिष शास्त्र रत्न शास्त्र धार्मिक परंपराओं व चिकित्सा शास्त्र में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है जीवन के हर क्षेत्र में रंगों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है कुछ रंग आकर्षण उत्पन्न करते हैं और हमें  इनर्जी देते हैं कुछ रंग मन को शांति प्रदान करते हैं कुछ रंग शरीर में गर्मी पहुंचाते हैं और उत्तेजित करते हैं वस्त्र कमरा टेबल क्लॉथ बिस्तर  के समान में किन रंगों से चिकित्सा हीै बल्कि प्राकृतिक तौर पर रोगों का निदान भी किया जाता है सात रंग के मिश्रण से हजारों रंग बन जाते हैं ।

 

टीका भारतीय संस्कृत में आज्ञा चक्र पर तिलक लगाने का रिवाज है यह भी कुमकुम केसर चंदन हल्दी भभूत आदि का होता है यह जड़ी बूटियों से मिलाकर भी लगाया जाता क्योंकि आज्ञा चक्र के स्थान पर ईडा पिंगला और सुषुम्ना नाड़ी आकर मिलती है सिंदूर में पारा जैसी धातु होती है जिससे चेहरे पर जल्दी झुर्रियां है सिंदूर का रंग चटक केसरिया होना चाहिए यह महिलाओं के तनाव कम।रंगीन बोतलों मे पानी,घरों मे रंगीन कांच खिड़की, रंगीन बलब, स्वास्थ्य का ध्यान प्रकाश का ध्यान विभिन्न धातुओं रामा चांदी सोना और विभिन्न नग मोती माणिक नीलम विभिन्न आंतरिक घर की सज्जा भोजन में विभिन्न रंग के हरे दही चावल विभिन्न दालें आदि दीवारों व पर्दों में प्रयुक्त होने वाले रंग वास्तु के हिसाब से रंग की सज्जा ईशान कोण मैं पीला रंग बच्चों के कमरे में नीला रंग आदि। यह व्यक्ति के जीवन में कुंडली के कमजोर   ग्रहों को मज़बूत बना कर संतुलन लाने के लिये ज्योतिषी विभिन्न उपायों के माध्यम से उपचार निर्धारित करते हैं। इन माध्यमों में मंत्र, तंत्र, रत्न, उपचार, पूजा, दान इत्यदि शामिल हैं, इनमें से कुछ का संबंध रंगो से होता है। इंद्र धनुष मे सात रंगों से चिकित्सा मौजूद है।रंगबिरगें फूलों से पूजन भी प्राकृतिक हो और स्वास्थ्य लाभ भी मिले।टेसू के फूल ठंडक और गर्मी के लिए आपको लू से बचते।

 

सफेद रंग  चंद्रमा और शुक्र

पवित्रता शुद्धता शांति सभ्यता का प्रतीक है इससे मन की चंचलता समाप्त हो जाती है व्यक्ति की सकारात्मक सोच होती है। विद्यार्थियों के लिए

 

रंग शुभ है लाल रंग मंगल:

महत्वाकांक्षा उत्तेजना पराक्रम  उत्साह का कारक है इससे एड्रिनल ग्रंथि उत्तेजित करता  हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को इस रंग से बचना चाहिए शारीरिक दुर्बलता मानसिकता अभय हृदय संबंधी विकार नपुंसकता को दूर करने के लिए लाल रंग का उपयोग करना चाहिए।

 

नीला रंग शनि व राहु

यह शांति पवित्रता वीर भाव का परिचायक है नीला रंग व्यक्ति को धार्मिक धैर्यवान बनाता है रक्त संचार व्यवस्था को ठीक रखता है नीले रंग  हाई ब्लड प्रेशर जोड़ों का दर्द दमा अस्थमा आंखों के रोग दूर हो सकते हैं।

 

पीला रंग गुरू

आनंद आरोग्यता का सूचक है। हल्का पीला रंग बीमारी का सूचक है मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने को ठीक रखने ज्यादा प्रयोग करने से नींद नहीं आती ध्यान ना देने वाले कुछ लोग डरपोक हो जाते हैं।

 

हरा रंग बुध

निरंकुश प्रगति की ओर संकेत करता है यह रंग मन को प्रसन्नता ताजगी देता है सुख शांति व नेत्रों को ठंडक जाता है हरा रंग वाले व्यक्ति हास्य चंचल सक्रिय आत्मविश्वास होते हरा रंग पहनने से या प्रयोग करने से नाड़ी संबंधी रोग आंतों के रोग वाणी दोष लीवर के रोग और अमाशय के रोग दूर होते हैं और मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है। नारंगी रंग सूर्य

लाल रंग का मिश्रण है यह रोगाणुओं की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है नाड़ी की गति को बढ़ाता है जीवन में बल प्रदान करता है एकाग्रता से काम करने वाले धीरे-धीरे मित्रता को विकसित करने वाले नारंगी रंग का प्रयोग करते हैं नारंगी रंग धार्मिकता आध्यात्मिकता दार्शनिक और साधना का घोतक है।

 

काला  रंग शनि

यह सभी रंगों का सम्यक होता है। काला रंग रंगों की सत्ता को नकारता है। काला रंग पसंद करने वाले व्यक्ति विद्रोह करने वाले बहाना मारने वाले होते हैं न्याय के चक्कर में यह लोग सभी का त्याग भी कर देते हैं तामसी प्रवृत्ति का  यह सुरक्षात्मक कवच के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है इस रंग का प्रयोग सर्दियों में अनुकूल होता है। यह नकारात्मकता को बढ़ाता है।

 

चितकबरा या रंगबिरंगा केतु

यह व्यक्ति की उदासी को दूर करने वाला और नयी दिशानिर्देश देता है। अचानक होने वाली घटनाओं का सूचक भी है।

 

विभिन्न राशियों के रंग..

 

मेष राशि-- गुलाबी या पीले रंग से होली खेलनी चाहिए. ऊर्जा-उत्साह का प्रवाह होगा और इनके सुख-समृद्धि के योग बनेंगे.

वृषभ राशि-- पीला, आसमानी और हल्के नीले रंग के गुलाल से होली खेलनी चाहिए. शांति औऱ सौहार्द्र क्रोध पर नियंत्रण

 

मिथुन राशि-- हरे रंग का इस्तेमाल करना चाहिए. जीवन में उत्साह और समृद्धि आएगी. नौकरी और कारोबार में उपलब्धी हासिल होगी.

कर्क राशि-- हल्का नीला, हल्का हरा, केसरिया या सफेद रंग का इस्तेमाल करने से जीवन में फायदा मिलेगा.

सिंह राशि-- लाल, पीले और नारंगी रंगों से होली खेलनी चाहिए. सकारात्मकता बढ़ेगी  इसके साथ-साथ प्रगति के रास्ते भी खुल जाएंगे.

कन्या राशि --हरा रंग सबसे सुरक्षित माना गया है. खुशी और  सम्मान भी दिलाता है.नीला रंग भी प्यार मे बढावा देता है।

तुला राशि-- बैंगनी, नीला, भूरा और सफेद रंग का इस्तेमाल करना चाहिए. जीवन को मूडी बनने से रोकता है।

वृश्चिक राशि-- लाल और पीला रंग सबसे शुभ माना गया है. जीवन में आने वाली कई समस्याओं से बच सकते हैं.और डिप्रेशन से बचाता है।

धनु राशि-- पीला और नारंगी रंग सबसे उत्तम माना गया है. नकारात्मकता का नाश करते हैं. और खुद को आंनद देता है।

मकर राशि-- हल्का नीला और आसमानी रंग - सकारात्मक उर्जा का संचार होता है.रंगबिरगा जीवन रखता है।

कुंभ राशि-- गहरा नीला और भूरे रंग जीवन में शांति और सुकून लाते हैं.हरा रंग ऊर्जावान।

मीन राशि-- पीला रंग शुभ माना जाता है.- काले रंग से बचकर रहें.सफेद रंग जमकर खेले।

 

अंजना ज्योतिषाचार्य 9407555063

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