भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी कि जन्माष्टमी तिथि 6 सितंबर 2023 की दोपहर 03:37 मिनट पर शुरू होगी और 7 सितंबर 2023 की शाम 04:14 मिनट पर समाप्त होगी। पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस मान्यता के अनुसार गृहस्थ जीवन वाले लोग 6 सितंबर को जन्मोत्सव मनाएंगे। इस दिन रोहिनी नक्षत्र भी है, ऐसा अद्भुत संयोग बनना बहुत शुभ है। वहीं वैष्णव संप्रदाय में श्रीकृष्ण की पूजा 7 सिंतबर को की जाएगी। जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा का विधान है।शुभ मुहूर्त और सही पूजा विधि के बारे में।
जन्माष्टमी 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त:
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की मध्यरात्रि 12:02 से मध्यरात्रि 12:48 तक है। इस तरह पूजा की अवधि केवल 46 मिनट की ही रहेगी। वहीं जन्माष्टमी व्रत पारण का समय 7 सिंतबर 2023 की सुबह 06:09 के बाद है।
जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र लग रहा है। श्री कृष्ण का जन्म भी रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। रोहिणी नक्षत्र 6 सितंबर 2023 की सुबह 09:20 से 7 सितंबर 2023 की सुबह 10:25 तक रहेगा।
जन्माष्टमी पूजन विधि:
इस दिन भगवान श्री कृष्ण को दूध और गंगाजल से स्नान करवाया जाता है और साथ ही नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। इसके बाद उन्हें मोरपंख, बांसुरी, मुकुट, चंदन, वैजंयती माला, तुलसी दल आदि से सजाया जाता है।
इसके बाद उन्हें फल, फूल, मखाने, मक्खन, मिश्री का भोग, मिठाई, मेवे आदि अर्पित करें।
फिर भगवान श्री कृष्ण के सम्मुख दीप-धूप जलाएं।
आखिर में श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की आरती उतारें और प्रसाद सभी में बांटे।