12 ज्योतिर्लिंग 12 ही राशियां इन राशियों के मनोकामनाएं व प्राणियों को मृत्युलोक के दु:खों से मुक्ति के लिए अभिषेक जल तत्व का व अग्नि तत्व मिट्टी के शिव जी के पूजन का स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से महत्व है।
वृष राशि - मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग:
वृष राशि के व्यक्तियों को मल्लिकार्जुन का ध्यान कच्चे दूध, दही, श्वेत पुष्प ताम्बे के पात्र में दूध भर कर ॐ श्री कामधेनवे नमः का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें, पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवायः शिवलिंग पर दूध की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें।
मेष राशि - सोमनाथ ज्योतिर्लिंग व चंद्र की रिमेडिज:
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम लेकर पंचामृत से करनी चाहिए. गंगाजल, दूध, दही, शहद व घी
[ ॐनमः शिवाय मंत्र का जप करे।: प्रकाशमय स्वरूप का मानसिक ध्यान करना चाहिए.
मिथुन राशि - महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग:
अकाल मृत्यु का हरण रिमेडिज महाकालेश्वर का ध्यान करते हुए ‘ओम नमो भगवते रूद्राय ’ मंत्र का जप, हरे फलों का रस, मूंग, बेलपत्र आदि से करे। महाकालेश्वर कालों के काल हैं. दूध में शहद मिलाकर स्नान कराएं और बिल्व पत्र एवं शमी के पत्ते चढ़ायें|
कर्क राशि - ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग:
धन और समाज सम्मान के लिए कर्क राशि सोमवार या प्रदोष के दिन शिव के इसी रूप की पूजा करें. शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद अपामार्ग और विल्वपत्र चढ़ाएं|
सिंह राशि - वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग:
अंहकार और नकारात्मक असर कारोबार, परिवार, राजनीति या स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं।
तो उन्हे सोमवार में शिवलिंग को जल में दूध, दही, गंगाजल व मिश्री मिलाकर ॐ जटाधराय नमः मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए.
कन्या राशि - भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग:
समस्त दुखो से छुटकारा व स्वास्थ्य के लिए भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का ध्यान करके पूजा करनी चाहिए| इस राशि वाले भीमाशंकर को प्रसन्न करने के लिए दूध में घी मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं. बेलफल चढाये।
तुला राशि - रामेश्वर ज्योतिर्लिंग:
दांपत्य जीवन में प्रेम और सद्भाव बना रहे ध्यान करते हुए गन्ने के रस से या वह दूध में बताशा मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं और आक का फूल शिव को अर्पित करें.
वृश्चिक राशि - नागेश्वर ज्योतिर्लिंग:
दुर्घटनाओं से बचाव होता है. नागेश्वर अर्थात नागों का ईश्वर और यह विष आदि से बचाव का सांकेतक ज्योतिर्लिंग का ध्यान करके दूध और धान के लावा से शिव की पूजा करें. शिव को गेंदे का फूल, शमी एवं बेलपत्र चढाएं. वृश्चिक राशि के जातक 'ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं'. मंत्र का जप करें.
धनु राशि - विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग:
इच्छाओं और सभी सिद्धियां उपलब्ध होती है और अंत में मनुष्य मुक्तिबोध वाराणसी विश्वनाथ सावन के महीने में गंगाजल में केसर मिलाकर शिव को अर्पित करना चाहिए. विल्वपत्र एवं पीला अथवा लाल कनेर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. धनु राशि के लिए शिव मंत्र -ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।।इस मंत्र से शिव की पूजा करें.
मकर राशि - त्रयम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग:
रिमेडिज पितृदोष कालसर्प दोष वालो को भी इनकी पूजन करे महाशिवरात्रि /श्रावण सोमवार के दिन इस राशि वाले गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिव का जलाभिषेक करना चाहिए. शिव को नीले का रंग फूल और धतूरा चढ़ाएं. मकर राशि के लिए मंत्र - त्रयम्बकेश्वर का ध्यान करते हुए 'ओम नमः शिवाय' मंत्र का 5 माला जप करें.
कुम्भ राशि - केदारनाथ ज्योतिर्लिंग:
रिमेडिज रक्षक और विनाशक का दोष निवारण कुम्भ राशि ध्यान केदारनाथ को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद कमल का फूल और धतूरा चढ़ाएं. इस राशि के लोग अपने कार्य बिना किसी के मदद के करना चाहते हैं. गुस्सा रहता है. पर जल्दी ही शांत हो जाते है।
मीन राशि -घृष्नेश्वर ज्योतिर्लिंग:
मोक्ष और सुख प्राप्त सावन के महीने में दूध में केसर डालकर शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए. स्नान के पश्चात शिव को गाय का घी और शहद अर्पित करें. कनेर का पीला फूल और विल्वपत्र शिव को चढ़ाना चाहिए.