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कुंभ विवाह

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कुंभ विवाह

कुंभ विवाह (लड़के का अलग होता है और लडकी का अलग विधान होता है)

 

क्या होता किन परिस्थितियों में इसकी आवश्यकता होती?

जब किसी लड़की की कुंडली में पहली शादी का सुख नहीं होता निम्न में से कोई भी स्तिथि कुंडली में विवाह से पूर्व कुंभ विवाह करके कुंभ को फोड़ दिया जाता और लडके का अर्क विवाह करा कर दूसरी शादी में प्रवेश किया जाता ...

१: यदि कुंडली में सप्तम भाव में विष योग हो , अंगारक योग है, शापित योग हो , चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण योग हो तो कन्या की शादी से पूर्व घट या कुंभ विवाह आवश्यक

2: यदि सप्तमेश पाप ग्रह से पीड़ित हो या पाप ग्रह से दृष्ट हो तब भी घट विवाह करना चाहिए

3: सप्तम भाव पाप तारत्री योग से पीड़ित हो तब भी आवश्यक है।

4:लग्नेश निर्बल होकर पाप ग्रह से पीड़ित हो या दृष्ट हो फिर भी घट विवाह आवश्यक है।

 

घट विवाह में ध्यान रखने योग्य कुछ बातें:

  1. कुंभ या घट का फोड़ना आवश्यक है
  2. कुंभ विवाह सगाई से पूर्व करना आवश्यक ।

 

बाकी संपूर्ण विश्लेषण कुंडली अनुसार:::
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