loading

पूर्णिमा-कुछ उपाय

  • Home
  • Blog
  • पूर्णिमा-कुछ उपाय

पूर्णिमा-कुछ उपाय

पूर्णिमा या पूनम के दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकर में होते है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन चंद्रमा का विशेष प्रभाव होता हैं। साथ ही यह दिन माता लक्ष्मी को भी विशेष प्रिय होता है। पूर्णिमा के दिन किये गए उपायों का विशेष और शीघ्र प्रभाव होता है। शास्त्रों में पूर्णिमा को करने योगय बहुत से उपाय और टोटके बताये गए हैं।

 

आइये जानते है कुछ ऐसे ही उपाय –

 

शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक पूर्णिमा के दिन सुबह-सुबह पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए यदि आप धन की इच्छा रखते हैं तो तो इस दिन सुबह उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पीपल के पेड़ के नीचे मां लक्ष्मी का पूजन करें और लक्ष्मी को घर पर निवास करने के लिए आमंत्रित करें। इससे लक्ष्मी की कृपा आप पर सदा बनी रहेगी।

 

पूर्णिमा की रात में घर में महालक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा किसी ब्राह्मण से करवाएंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।

 

प्रत्येक पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा के उदय होने के बाद साबूदाने की खीर मिश्री डालकर बनाकर माँ लक्ष्मी जी का भोग लगाकर उसे प्रसाद के रूप में वितरित करने से धन के आगमन के मार्ग खुल जाते है।

 

जो भी इंसान धन संबंधी परेशानियों से जूझ रहा है, उसे पूर्णिमा के दिन चंद्र उदय होने पर चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य देते समय ‘ओम स्त्रां स्त्रीं स्त्रों स: चंद्रमसे नम:’ या फिर ‘ओम ऐं क्लीं सोमाय नम:’ मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक परेशानियां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं।

 

प्रत्येक पूर्णिमा के दिन मां श्री लक्ष्मी के चित्र या फोटो पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें उसके बाद अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें लें। इस उपाय से घर में धन की कमी नही रहती है। पर एक बात का ध्यान रखें की प्रत्येक पूर्णिमा के दिन इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी से निकाल कर माता के सम्मुख रखकर उन पर पुन: हल्दी से तिलक करें फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रखे ले।

 

पूर्णिमा के दिन किसी हनुमान मंदिर में हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

 

यदि आप अपने दाम्पत्य जीवन को प्रेम पूर्वक लम्बे समय के लिए रखना चाहते है तो कभी भी भूलवश पूर्णिमा और अमावस्या के दिन शारीरिक सम्बन्ध या सम्भोग नही करना चाहिए।

 

प्रत्येक पूर्णिमा की रात में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा के ऊपर त्राटक ( लगातार देखना ) विधि करने से जातक की नेत्रों की ज्योति बढ़ती है।

 

प्रत्येक पूर्णिमा के दिन सुबह के समय घर के मुख्य दरवाज़े पर आम के ताजे पत्तों से बना तोरण बाँधने से घर के वातावरण में शुभता आती है।

 

यदि कोई भी जातक मानसिक तनाव या मानसिक परेशानी में रहता है तो प्रत्येक पूर्णिमा के दिन अपने हाथ से खीर बनाकर गरीब बच्चे या लोंगो को खिलने से जातक की मानसिक तनाव या मानसिक परेशानी दूर हो जाती है।

 

पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर शहद, कच्चादूध, बेलपत्र और फल चढाने से भगवान शिव की प्रसन्न होते हैं। इसके साथ घिसे हुए सफेद चंदन में केसर मिलाकर भगवान शंकर को अर्पित करने से घर से कलह और अशांति दूर होती है और सुख-संपत्ति का घर में आगमन होता है।

 

पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन जुए, शराब आदि नशे और क्रोध एवं हिंसा से भी दूर रहना चाहिए।इस दिन बड़े बुजुर्ग अथवा किसी भी स्त्री से भूलकर भी अपशब्द ना बोलें।

 

आयुर्वेद के अनुसार पूर्णिमा की रात में चन्द्रमा की चाँदनी सब मनुष्यों के लिए अत्यंत लाभदायक रहती है। यदि पूर्णिमा की रात में चन्द्रमा के प्रकाश की किरणे गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो उस महिला का गर्भ पुष्ट हो जाता है ! इसलिए गर्भवती स्त्रियों को तो विशेष रूप से कुछ समय के लिए पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की चाँदनी में रहना चाहिए।

 

हर पूर्णिमा के दिन सुबह के समय हल्दी में थोडा पानी डालकर घर के मुख्य दरवाज़े / प्रवेश द्वार पर ॐ और स्वातिक बनाना चाहिए !

 

पूर्णिमा के दिन किसी शिव मंदिर में रात को शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और ॐ रुद्राय नमः मंत्र का जप करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

EnglishHindi
error: Content is protected !!