इस बार सावन की शुरुवात मंगलमय है..भोलेनाथ का शिव शक्ति से जुड़े है इसलिए सावन के दौरान पड़ने वाले मंगलवार का दिन देवी पार्वती को भी अत्यंत प्रिय हैं।इस दिन मां गौरी का व्रत और पूजन इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। इस बार सावन में 9 मंगलवार पड़ रहे हैं। पहला मंगलवार 4जुलाई को, दूसरा 11 जुलाई, (आधी मास तीसरा 18 जुलाई चौथा 25 जुलाई, पांचवा 1 अगस्त, छठवां 8 अगस्त, सातवा 15 अगस्त तक, आठवां 22 अगस्त, और अंतिम 29 अगस्त को है। इस तरह से चार सावन के हैं और 5 मंगलवार अधि मास के हैं.. अखंड सौभाग्य और दूर होते हैं दांपत्य जीवन के कष्ट।
- 4 जुलाई: सावन का पहला मंगलवार। प्रतिपदा तिथि बुद्धि और संतान के लिए महत्वपूर्ण है।
- 11 जुलाई: सावन का दूसरा मंगलवार। देवी की आराधना के लिए है और अश्विनी नक्षत्र होने के कारण से देवी अधर्वशीश पाढ़,महामृत्युंजय जैसा फ़ल देता है...10/100 बार पढ़ें देवी आशीर्वाद मिलेगा..
- 18 जुलाई: अधि सावन का तीसरा मंगलवार। प्रतिपदा तिथि के साथ पुष्य नक्षत्र है शनि की साढ़ेसाती, अंगकारा योग और विधवा योग को कटने वाला है|
- 25 जुलाई: सावन का चौथा मंगलवार। चित्रा नक्षत्र में होने से दांपत्य सुख के लिए है|
- 1 अगस्त: पूर्णिमा तिथि के साथ अभिजीत नक्षत्र छोटे-छोटे बच्चों से संबंधित समस्या शादी विवाह से संबंधित समस्याओं के लिए महत्वपूर्ण है|
- 8 अगस्त: मंगलवार मैं पुनः अश्विनी नक्षत्र होने से देवी जी का अर्थवशीष पाठ 10 बार पढ़ें और अकाल मृत्यु से रक्षा, सुहाग की रक्षा करता है|
- 15 अगस्त: पुष्य नक्षत्र होने से यह मंगल विशेष फलदाई है विषकन्या योग जिनको हो उनके लिए यह विशेष पूजा करना चाहिए|
- 22 अगस्त: स्वाति नक्षत्र होने से मंगला गौरी व्रत में लक्ष्मी का पूजन करने से धन धन की वृद्धि होगी|
- 29 अगस्त: मंगला गौरी व्रत प्रदोष व्रत के साथ होने से विशेष उद्यापन करने से फलदाई है साथ ही श्रवण नक्षत्र है|