कलरात्रि दस महाविद्या सिद्धि दिवस या रात्रि में प्रतिष्ठा,वाक सिद्धि एवं लक्ष्मी प्राप्ति हेतु 108 पाठ भगवती के सामने करें।।
दुर्लभ महाविजय सुंदरी स्तोत्र
ऊँ श्रीं ह्रीं ऐं क्लीं नमो विष्णु वल्लभायै महामायायै कं खं गं घं ड़ं नमस्ते नमस्ते।
मां पाहि पाहि रक्ष रक्ष धनं धान्यं श्रियं समृद्धिं देहि देहि श्रीं श्रियै नमः स्वाहा।।
हं हं हं हंस हंसी स्मित कह कहा मुक्त घोराट्ट हासा खं खं खं खड्गं हस्ते त्रिभुवन निलये कालिका कालघारी।।
रं रं रं रंग रंगी प्रमुदित वदने पिंग केशी श्मशाने यं रं लं घं तापनीये भ्रकुटि घट घटाटोप कंकार जंपे ।
ऊँ श्रीं ह्रीं ऐं क्लीं नमो जगज्जनन्यै। वात्सल्य निधये चं छं जं झं ञं नमस्ते नमस्ते।
मां पाहि पाहि रक्ष रक्ष श्रियं प्रतिष्ठां वाक् सिद्धि मे देहि श्रीं श्रिये नमः स्वाहा।।